11 August 2024
रेजिडेंट डॉक्टर वे चिकित्सक होते हैं जिन्होंने अपनी एमबीबीएस की डिग्री पूरी कर ली है और अब किसी मान्यता प्राप्त हॉस्पिटल में विशेषज्ञ बनने के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं. आइये जानते हैं इनके बारे में जरूरी बातें.
एक जूनियर रेजिडेंट और दूसरा सीनियर रेजिडेंट पद है. सीनियर रेजिडेंट के नेतृत्व में जूनीयर रेजिडेंट डॉक्टर मरीजों का इलाज करते हैं. मरीज सीधा संपर्क पहले रेजिडेंट डॉक्टर से होता है, न कि हॉस्पिटल विभागाध्यक्ष या फिर किसी कंसलटेंट डॉक्टर से.
भारत में रेजिडेंसी के लिए NEET-PG परीक्षा पास करना जरूरी होता है. NEET-PG के माध्यम से ही विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में रेजिडेंसी के लिए सीटें अलॉट की जाती हैं.
वे रोगियों की जांच करते हैं, उनकी बीमारियों का निदान करते हैं और उनकी परेशानी को सुनने व समझने के बाद पूरी ब्रीफ हिस्ट्री तैयार करते हैं.
रेजिडेंट डॉक्टर सर्जनों की सहायता करते हैं और छोटे-छोटे ऑपरेशन भी करते हैं, नए चिकित्सा उपचारों पर रिसर्च करते हैं, मेडिकल छात्रों को पढ़ाते हैं, हॉस्पिटल के प्रशासनिक कार्यों में भी भाग लेते हैं.
रेजिडेंसी की अवधि अलग-अलग विशेषताओं के लिए अलग-अलग होती है. उदाहरण के लिए, सामान्य चिकित्सा में रेजिडेंसी 3 साल की होती है, जबकि सर्जरी में यह 5 या 6 साल की हो सकती है.
रेजिडेंसी पूरी करने के बाद, रेजिडेंट डॉक्टरों के पास कई तरह के करियर के अवसर होते हैं. वे हॉस्पिटल में काम कर सकते हैं, प्राइवेट प्रैक्टिस कर सकते हैं, या रिसर्च कर सकते हैं.