By: Aajtak Education
'कोचिंग हब' कहा जाने वाला राजस्थान का कोटा शहर लंबे समय से छात्र आत्महत्या मामलों को लेकर चर्चा में है, जहां इस साल में सितंबर तक 25 छात्रों ने जिंदगी को ही हार समझ लिया.
कोटा के इस माहौल में एक और छात्रा ऐसी थी जो सुसाइड से बस कुछ ही सेकेंड दूर थी, फंदा लगाने के लिए दुपट्टा ही ढूंढा जा रहा था, लेकिन एक 'बात' ने उसकी जान बचा ली.
वह 'बात' जो उसके रिश्तेदार या दूर के भाई से फोन पर हुई. फंदा लगाने से कुछ सेकेंड पहले छात्रा के पास उसके भाई का फोन आया और उसके मुंह से सुसाइड की बात निकल गई.
छात्रा ने रो-रोककर भाई को अपनी मानसिक स्थिति के बारे में बताया कि कैसे उसे कमरे में अकेले रहने में डर लगता है, पैरों में झनझनाहट महसूस होती है, मंदिर या पार्क जाकर अपना डर दूर करने की कोशिश कर रही है लेकिन कुछ नहीं हो रहा.
छात्रा ने आजतक को बताया कि उसने इसी साल 12वीं की परीक्षा पास की थी और कुछ महीने पहले ही नीट की तैयारी के लिए कोटा गई थी. लेकिन वहां का कॉम्पिटिशन देखकर डर लगने लगा, लगा कि मैं अपने माता-पिता के पैसे और मेहनत खराब कर रही हूं.
ऐसे हालातों में 17 वर्षीय छात्रा ने अपनी जिंदगी खत्म करने का फैसला कर लिया था लेकिन भाई से फोन पर हुई 'बात' ने उसकी जान बचा ली.
जब परिवार को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने अपनी बेटी को घर बुला लिया. आज छात्रा अपने परिवार के साथ है और वहीं रहकर नीट की तैयारी कर रही है.
अब छात्रा ने कहा कि मैंने जो महसूस किया है, मैं ये कभी नहीं चाहूंगी कि कोई और भी इससे गुजरे. कोटा में मेरे जैसे बहुत सारे बच्चे हैं, जिन्हें आप लोगों की जरूरत है. वो ऐसे हार जाते हैं, जैसे जिंदगी ही हार है उनकी. उनके लिए कुछ करना चाहिए.