By: Aajtak Education
कोटा में छात्र आत्महत्या के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. 13 सितंबर को झारखंड से कोटा पढ़ने आई 16 वर्षीय छात्रा ने फंदे से लटककर सुसाइड कर लिया. यह इस साल की 25वीं घटना है.
कोटा में छात्रों की सुसाइड घटनाओं पर केडी केंपस की फाउंडर नीतू मैम ने वो चार चीजें बताई हैं, जो छात्रों को सबसे ज्यादा परेशान कर रही हैं.
अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किए गए एक वीडियो में नीतू मैम कहती हैं कि कोटा में कॉम्पिटीशन लेवल काफी हाई है, गला काट प्रतियोगिता है, जिसकी वजह से छात्र जल्द ही मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं.
नीतू मैम का कहना है कि 12वीं पास करने के बाद बच्चे नीट, जेईई और यूपीएससी जैसी बड़ी परीक्षाओं की तैयारी करने आते हैं. इससे परिवार का संरक्षण बिल्कुल खत्म हो जाता है.
कोटा में छात्रों के डिप्रेशन का एक बड़ा कारण परिवार की उम्मीदें भी हैं. यहां कॉम्पिटिशन लेवल देखकर छात्र को लगता है कि वह अपने परिवार की उम्मीदें पूरा नहीं कर पाएगा और निराश होकर खतरनाक कदम उठाने की ओर चल पड़ता है.
नीतू मैम कहती हैं कि परिवार को इन सभी चीजों को समझना चाहिए और अपने बच्चों के जरिये अपने सपने पूरे करने के लिए उनपर जोर नहीं देना चाहिए.