Lakshadweep: 'सिर्फ 1 ग्रेजुएट' वाला राज्य लक्षद्वीप आज कैसा है?

08 Jan 2024

पीएम नरेंद्र मोदी की यात्रा के बाद केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप दुनिया भर में ट्रेंड कर रहा है. लक्षद्वीप भारत देश के खूबसूरत द्वीपों में से एक है.

पिछले कई सालों में लक्षद्वीप ने टूरिज्म के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी विकास किया है.

कभी इस टापू की पहचान सिर्फ 1 ग्रेजुएट वाले केंद्र शासित प्रदेश के रूप में की जाती थी लेकिन आज सालों बाद शिक्षा के क्षेत्र में लक्षद्वीप की शक्ल बदल चुकी है.

पुराने पन्नों को पलटकर देखा जाए तो पता चलता है कि साल 1956 में लक्षद्वीप की कुल आबादी में से सिर्फ एक ही छात्र ऐसा था जिसने ग्रेजुएशन की थी, जिनका नाम है किराक्कादा सैयद मोहम्मद कोया. 

साल 1956 में लक्षद्वीप का साक्षरता दर (Literacy Rate) सिर्फ 15.23 प्रतिशत था. समय के साथ-साथ आज यह 87.52 प्रतिशत तक पहुंच चुका है.

साल 1956 में ग्रेजुएशन करने वाला सिर्फ एक ही छात्र था लेकिन अब यहां 5200 मैट्रिक पास, 350 से ज्यादा ग्रेजुएट, 70 मास्टर्स किए हुए, 120 इंजीनियर, 95 डॉक्टर और सैकड़ों छात्र अन्य विषयों में पढ़ रहे हैं.

लक्षद्वीप में स्कूल जाने वाले छात्रों में 47% लड़कियां हैं. आजादी के बाद शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए लक्षद्वीप में पुस्तकों की आपूर्ति, मिड डे मील, स्कॉलरशिप आदि जैसे कई कदम उठाए गए, लेकिन 1956 तक कोई खास प्रगति हासिल नहीं हो सकी थी.

1956 में राज्यों के पुनर्गठन के बाद, इस द्वीप के छात्रों के लिए एक विशेष छात्रावास बनाया गया और 1963 तक कालीकट के पास इलाथुर में इस संबंध में काम किया गया.

वेबसाइट के अनुसार, आज यहां वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों से जुड़े तीन छात्रावास हैं. 1971 की जनगणना से पता चला कि लक्षद्वीप में 213 डिग्री धारक और तकनीकी कर्मचारी थे.

Pictures Credit: Getty Images Data Source: Offcial website of  Lakshadweep