एक ही मार्कशीट से दो भाई कर रहे थे सरकारी नौकरी, रिटायरमेंट से पहले ऐसे खुली पोल

17 Jan 2024

मध्य प्रदेश के ग्वालियर नगर निगम में एक कर्मचारी की 43 साल तक सहायक वर्ग-3 की नौकरी चलती रही. रिटायरमेंट का समय भी नजदीक आ गया था. 

लेकिन रिटायरमेंट से पहले ही शख्स की पोल खुली और पता चला कि 43 साल पहले जो मार्कशीट लगाकर नौकरी हासिल की गई थी, वह तो फर्जी है.

यह पूरा मामला ग्वालियर नगर निगम के सहायक वर्ग-3 के कर्मचारी कैलाश कुशवाह का है, जिन्होंने अपने भाई की मार्कशीट लगाकर नगर निगम में नौकरी हासिल कर ली और नौकरी करते रहे.

मुरैना निवासी कैलाश कुशवाह ने अपने भाई रणेंद्र कुशवाह की मार्कशीट का इस्तेमाल करते हुए ग्वालियर नगर निगम में जून 1981 को नौकरी हासिल कर ली थी.

इसके बाद कैलाश कुशवाह आराम से अपनी नौकरी करते रहे. उन्हें यह अंदाजा नहीं था कि नौकरी हासिल करने के लिए कितना बड़ा फर्जीवाड़ा कर दिया है.  

कैलाश कुशवाह की हकीकत उस वक्त सामने आ गई, जब मुरैना के ही अशोक कुशवाह ने इस फर्जीवाड़े की शिकायत नगर निगम में कर दी. शिकायत मिलने पर नगर निगम विभाग जांट में जुट गया था.

निगम के ही डिप्टी कमिश्नर अनिल दुबे ने यूनिवर्सिटी थाने में कैलाश कुशवाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है.

कैलाश कुशवाह पर पुलिस ने धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है.