27 Dec 2024
92 साल की उम्र में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन हो गया.
1991 में भारतीय अर्थव्यवस्था को उदारीकरण की राह पर ले जाने वाले डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान कभी नहीं भुलाया जा सकता.
उन्होंने दो कार्यकाल (2004-2014) तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में सेवा की और देश के विकास में अहम भूमिका निभाई.
मनमोहन सिंह ने कहां से पढ़ाई की है और उनके पास कौन-सी डिग्रियां थीं, आइए जानते हैं.
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत (अब पाकिस्तान में) में हुआ था.
1947 में भारत के विभाजन के बाद, 14 साल की उम्र में उनका परिवार भारत आ गया.
उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की. इसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ से बीए (ऑनर्स) की डिग्री ली. फिर इसी यूनिवर्सिटी से इकॉनॉमिक्स (अर्थशास्त्र) एमए की डिग्री ली.
इसके बाद वह कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी गए. यहां से उन्होंने पीएचडी की डिग्री ली.
1955 और 1957 में कैंब्रिज के सेंट जॉन्स कॉलेज में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 'राइट्स पुरस्कार' से उन्हें सम्मानित किया गया था.
फिर मनमोहन सिंह ने 'नफील्ड कॉलेज (ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी) से डी फिल पास किया.
डॉ. सिंह ने अपने करियर की शुरुआत शिक्षक के रूप में की. उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाया.
शिक्षण के बाद उन्होंने प्रशासनिक सेवाओं में कदम रखा. 1972 से 1976 तक वे भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे.
इसके बाद 1982 से 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में कार्य किया. 1985 से 1987 तक वे योजना आयोग के अध्यक्ष भी रहे.
1991 में जब भारत गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा था तब डॉ. मनमोहन सिंह ने तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री का पद संभाला.
उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए उन्हें 1993 और 1994 में 'फाइनेंस मिनिस्टर ऑफ द ईयर' का खिताब दिया गया.
2004 में डॉ. मनमोहन सिंह भारत के 13वें प्रधानमंत्री बने. वे देश के पहले सिख प्रधानमंत्री थे.
1987 में उन्हें भारत सरकार ने 'पद्म विभूषण' से सम्मानित किया. उनके नाम पर कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार दर्ज हैं.