By: Aajtak Education
मध्य प्रदेश पटवारी भर्ती को लेकर रोज नए खुलासे हो रहे हैं, जो भर्ती परीक्षा की शुचिता पर सवाल खड़े करते हैं. आइए जानते हैं वो 8 पॉइंट्स जो इस भर्ती प्रक्रिया के दूषित होने की तरफ इशारा कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश पटवारी भर्ती परीक्षा के नतीजों में नियुक्ति के लिए रेकेमंड हुए उम्मीदवारों के नाम और रोल नंबर थे. मेरिट लिस्ट जारी नहीं की गई.
छात्रों ने मेरिट लिस्ट की मांग की और प्रदर्शन किया गया. बाद में मेरिट लिस्ट जारी की गई तो बड़ा खुलासा हुआ और यह भर्ती में घोटाले का मामला सामने आया.
पटवारी भर्ती परीक्षा में टॉप 10 में से 7 उम्मीदवार एनआरआई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से हैं, जिसके मालिक बीजेपी से भिंड के विधायक संजीव कुशवाह को बताया जा रहा है.
पटवारी भर्ती परीक्षा में 15 लाख की रिश्वत लेने का मामला सामने आया. खुद को मधुलता बताने वाली एक टॉपर ने एक वीडियो बनाया है जिसमें उसने नौकरी के लिए '15 लाख की रिश्वत' देने की बात कही.
हालांकि बाद में मधुलता ने दूसरा वीडियो जारी कर रिश्वत देने की बात से इनकार कर दिया और वीडियो को दोस्तों के साथ हंसी-मजाक बता दिया.
पूरे मध्यप्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में 550 उम्मीदवारों का चयन हुआ जिसमें से सबसे ज्यादा 400 दिव्यांग अभ्यार्थी सिर्फ मुरैना जिले से ही आते हैं.
मुरैना के जौरा इलाके से त्यागी समाज के 16 अभ्यर्थी एक साथ पटवारी भर्ती परीक्षा में चयनित हुए हैं. सभी अभ्यर्थी श्रवण बाधित दिव्यांग सर्टिफिकेट लगाकर चयनित हुए हैं.
'इंडिया टुडे' ने मेरिट लिस्ट की जांच करने के बाद पाया कि त्यागी उपनाम वाले 23 उम्मीदवारों का चयन किया गया है. ये सभी या तो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के कोटे से या दिव्यांग कोटे से हैं.
पटवारी भर्ती में पास हुए ऐसे कई उम्मीदवार हैं जोवन रक्षक-जेल प्रहरी परीक्षा में पूरी तरह फिट हैं.
ग्वालियर की रहने वाली पूनम रजावत ने पटवारी परीक्षा 177.40 अंकों से पास की और प्रदेश की तीसरे नंबर की टॉपर रही हैं.
लल्लनटॉप के एक वीडियो इंटरव्यू में जब पूछा गया कि एमपी में कितने जिले हैं? तो जवाब नहीं दे पाईं. इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि पहले जांच कराइए, उसके बाद किसी पर उंगली उठाइए.