मुनव्वर राना को हमेशा 'जिंदा' रखेंगे ये शेर...

15 Jan 2024

उर्दू के मशहूर और उम्दा शायर मुनव्वर राना का 71 साल की उम्र में कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया है.

मुनव्वर राना पढ़ने और सुनने वालों की आंखें नम हैं. उनकी कलम से निकले शेर, शायरी, नज़्में और ग़ज़ले उनकी याद में आज पढ़े जा रहे हैं.

ऐसे में हम आपके लिए मुनव्वर राना के कुछ ऐसे मशहूर शेर लेकर आए हैं जो आपको जरूर पढ़ने चाहिए.

'कल अपने-आप को देखा था मां की आंखों में ये आईना हमें बूढ़ा नहीं बताता है'.

'हम नहीं थे तो क्या कमी थी यहां हम न होंगे तो क्या कमी होगी'.

'तुम्हें भी नींद सी आने लगी है थक गए हम भी चलो हम आज ये क़िस्सा अधूरा छोड़ देते हैं'.

'लिपट जाता हूं मां से और मौसी मुस्कुराती है मैं उर्दू में ग़ज़ल कहता हूं हिन्दी मुस्कुराती है'.

'मुनव्वर मां के आगे यूं कभी खुल कर नहीं रोना जहां बुनियाद हो इतनी नमी अच्छी नहीं होती'.

चलती फिरती हुई आंखों से अज़ां देखी है मैंने जन्नत तो नहीं देखी है मां देखी है'.

'ये सोच कर कि तेरा इंतिज़ार लाज़िम है तमाम उम्र घड़ी की तरफ़ नहीं देखा'.

'अब जुदाई के सफ़र को मेरे आसान करो तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो'.

'तुम्हारी आंखों की तौहीन है ज़रा सोचो तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है'.