बिहार में युवाओं लंबे समय बाद सरकारी टीचर की नौकरी पाने का मौका मिला है. राज्य में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) लाखों शिक्षक पदों को भरने का काम कर रहा है.
पहले चरण में पास हुए शिक्षकों की बहाली का दौरा जारी है, जबकि दूसरे चरण की भर्ती परीक्षाएं 15 दिसंबर को खत्म हो चुकी हैं. ऐसे में फर्जी शिक्षकों की बहाली का मामला सामने आया है.
वैशाली में अधिकारियों ने फर्जी तरीके से बहाल होने पहुंची एक महिला को पकड़ा है, जो नकली जॉइनिंग लेटर लेकर उत्क्रमित मध्य विद्यालय सैदपुर डुमरा में योगदान देने आई थी.
स्कूल के हेडमास्टर ने ये कहकर महिला को भेज दिया कि अभी योगदान का समय नहीं हुआ है. इसके बाद महिला BEO पहुंची, जहां उससे जिला प्रशासन का आदेश मांगा गया है.
इसी बीच संदेह हुआ तो जांच में महिला का नियुक्ति पत्र फर्जी पाया गया. पकड़ी गई महिला का नाम साजिया खातून है, जो वैशाली जिले के महुआ की रहने वाली है.
महिला पर FIR दर्ज करके पूछताछ की गई तो उसने इस फर्जीवाड़े के पीछे मास्टरमाइंड की जानकारी दी.
महिला ने बताया कि महुआ में ही साइबर कैफे चलाने वाला एक शख्स फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड है और उसने अन्य कई लोगों को भी इसी तरह फर्जी नियुक्ति पत्र दिए हैं.
जिला शिक्षा अधिकारी वीरेंदर नारायण ने बताया कि लेटर का फॉर्मेट सेम है जिसमें लिखा हुआ है कि आपको बतौर विद्यालय अध्यापक चुना गया है. हालांकि फर्जी लेटर में बार कोड के बजाय नकली साइन हैं.
फिलहाल महिला और साइबर कैफे पर FIR दर्ज करके जांच की जा रही है. इसके अलावा सभी हेडमास्टर और BEO को ऐसे मामलों पर नजर बनाने और तुरंत जिला कार्यालय को सूचना देने के लिए कहा गया है.