नारायण मूर्ति ने खोली कोचिंग संस्थानों की पोल, जानिए क्यों बताया इसे गलत

10 Sep 2024

कोई कॉम्पिटेटिव एग्जाम हो या फिर स्कूली पढ़ाई. आजकल अधिकतर परीक्षाएं क्लियर करने के लिए कोचिंग का सहारा लेते हैं.

देश में कोचिंग का एक बहुत बड़ा बिजनेस मार्केट हैं लेकिन बिजनेसमैन और इनेफोसेस के फाउंडर नारायण मूर्ति ने कोचिंग संस्थानों की आलोचना की है.

इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति का मानना ​​है कि कोचिंग क्लास बच्चों को परीक्षा पास करने में मदद करने का गलत तरीका है.

उन्होंने बेंगलुरु में पॉल हेविट के कॉन्सेप्चुअल फिजिक्स के 13वें संस्करण के लॉन्च के मौके पर दर्शकों से बातचीत के दौरान अपने विचार व्यक्त किए हैं.

उन्होंने कहा कि "कोचिंग क्लास में जाने वाले ज़्यादातर लोग स्कूल में अपने शिक्षकों की बात ध्यान से नहीं सुनते और माता-पिता, जो अक्सर अपने बच्चों की एकेडमिक मदद करने में असमर्थ होते हैं, कोचिंग सेंटर को ही एकमात्र समाधान मानते हैं.

नारायण मूर्ति ने भारत में कोचिंग उद्योग में हाल ही में आई तेज़ी पर भी चिंता व्यक्त की. तेज़ी से बढ़ते विकास को देखते हुए, उन्होंने कहा कि ट्यूशन की बढ़ती मांग भी भारत की शिक्षा प्रणाली में एक गहरी समस्या की ओर इशारा करती है.

उन्होंने बताया कि यह संरचना यह भी दर्शाती है कि वास्तविक समझ से ज़्यादा रटने की शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है.

नारायण मूर्ति ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य यह सीखना है कि कैसे सीखना है साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा को ऐसे कौशलों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो वास्तविक दुनिया की समस्याओं से निपटने में मदद कर सकें.

इस महीने की शुरुआत में जब एक 12 साल के बच्चे ने मूर्ति से उनके जैसा बनने का तरीका पूछा था, तो उन्होंने उस छोटे लड़के से कहा था, "मैं नहीं चाहता कि तुम मेरे जैसे बनो".

टीच फॉर इंडिया लीडर्स वीक में उन्होंने कहा था, "मैं चाहता हूं कि तुम देश की भलाई के लिए मुझसे बेहतर बनो."