बिहार के सिकंदरा की रहने वाली नीतू कुमारी ने बीपीएससी की परीक्षा में 219वीं रैंक हासिल कर ये साबित कर दिया कि अगर इंसान के अंदर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो, तो दुनिया में कोई भी काम असंभव नहीं होता.
नीतू की सक्सेस स्टोरी ये सीख देती है कि सफल होने के लिए बड़ा स्कूल और ऊंची इमारते मायने नहीं रखती. अगर कोई ठान ले, तो सफलता उसके कदम जरूर चूमती है.
नीतू बिहार के एक सरकारी स्कूल से पढ़ी हैं, पर बीपीएससी जैसे कठिन एग्जाम में पास होने के बाद वो कईं लोगो के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं.
नीतू एक साधारण परिवार से आती हैं. उनके पिता की सिकंदरा में ज्वैलरी की एक छोटी सी दुकान है. नीतू ने बीपीएससी का एग्जाम दूसरी बार में पास किया है. कोविड के बाद से वो घर पर रहकर ही परीक्षा की तैयारी कर रही थीं.
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सिकंदरा मध्य विद्यालय से पूरी की थी. बिहार से इंटरमीडिएट करने के बाद उन्होंने भोपाल के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी. इसके बाद वो सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गईं.
नीतू ने बीपीएससी की तैयारी अपने दम पर की है. पहले प्रयास में सफलता ना मिल पाने के कारण वो काफी निराश हो गई थीं. लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी और आखिरकार दूसरे प्रयास में वो सफल हुईं.
उन्हें 219वीं रैंक मिली है और अब वो एसडीएम बनकर बिहार सरकार में अपनी सेवाएं देंगी. अपने कठिन परिश्रम और लगन से नीतू ने उन लाखों को लोगों को इंस्पायर किया है, जो सफलता ना मिलने से निराश होकर हार मान लेते हैं.