28 Jan 2024
पढ़ाई का प्रेशर, अच्छे नंबर लाने का प्रेशर, करियर चुनने का प्रेशर आदि चीजों से हर छात्र डील करता है.
तनाव के कारण कई छात्र डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. छात्र की परेशानी का हल माता-पिता या टीचर को ढूंढना चाहिए.
ऐसे में पीएम मोदी ने पिछले परीक्षा पर चर्चा के माध्यम से कुछ टिप्स शेयर किए थे. जिनकी मदद से छात्रों को डिप्रेशन से निकलने में मदद मिलेगी. आइए जानते हैं.
पीएम मोदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा था कि छात्रों के अंदर जो भावनाएं हैं उन्हें बाहर निकालें.
हॉस्टल में रह रहे छात्रों के मन में किसी के प्रति या किसी घटना को लेकर गुस्सा हो तो छात्र हॉस्टल के बाहर जाएं किसी बैंच पर बैठें, अपने साथ एक नोटबुक ले जाएं और जो बात परेशान कर रही है वह उसपर लिख दें.
पीएम ने कहा था कि यदि आप अभी भी बेहतर महसूस नहीं कर रहे हैं, तो फिर से लिखें. धीरे-धीरे आपकी भावना की तीव्रता कम हो सकती है और इसके साथ-साथ लिखना भी कम हो जाएगा.
लेकिन इसे तब तक दोहराते रहें जब तक आपको यह न लगे कि आपने अपने आप को पर्याप्त रूप से व्यक्त कर दिया है और हल्का महसूस कर रहे हैं.
यह रामबाण नहीं है, लेकिन एक अस्थायी समाधान है. परेशानी में यह एक सपोर्ट के रूप में काम आ सकता है.
यदि आप छात्रावास में रहते हैं तो कुछ ऐसे शिक्षकों या वरिष्ठ जनों को अपना विश्वासपात्र बनाएं. उन्हें अपने विचार व्यक्त करें. भले ही आप चिंतित हों कि आपके माता-पिता का फोन नहीं आया है, सभी बातें बताएं.
विश्वासपात्र लोगों में आपका कोई दोस्त भी हो सकता है क्योंकि दोस्तों को पता है कि तनावपूर्ण समय में आपको कैसे दिलासा देना है.