30 SEP 2024
बाजार में जब भी हम कुछ खरीदते हैं, तो अक्सर हमें Price, Rate, MRP और Cost जैसे शब्द सुनने को मिलते हैं.
ये सभी शब्द किसी वस्तु या सेवा की कीमत से जुड़े होते हैं, लेकिन इनका मतलब अलग-अलग होता है.
आइए जानते हैं इन तीनों में क्या अंतर है ताकि आप जब भी शॉपिंग करें कीमत का अच्छे से अंदाजा लगा सकें.
यह वह राशि है जो ग्राहक किसी वस्तु या सेवा को खरीदने के लिए चुकाता है. यह बाजार में वस्तु या सेवा की बिक्री के समय तय होती है.
यह वह खर्च है जो किसी वस्तु या सेवा को बनाने में आता है. इसमें कच्चे माल, वर्कर, प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन शामिल होता है.
MRP (Maximum Retail Price - अधिकतम खुदरा मूल्य) यह वह अधिकतम कीमत है जिस पर कोई प्रोडक्ट बेचा जा सकता है. यह निर्माता द्वारा तय की जाती है और इससे अधिक कीमत पर उत्पाद बेचना गैरकानूनी होता है.
यह किसी वस्तु या सेवा की प्रति यूनिट कीमत होती है. उदाहरण के लिए, यदि किसी वस्तु की कीमत प्रति किलोग्राम के हिसाब से दी गई है, तो उसे Rate कहा जाएगा.
मान लीजिए, एक साड़ी को बनाने में 500 रुपये का खर्चा आया है, तो यह उसकी लागत (Cost) कहलाएगी.
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इसके बाद दुकानदार इसकी MRP (Maximum Retail Price) तय करेगा, जैसे 900 रुपये, जो कि वह अधिकतम कीमत है जिस पर इसे बेचा जा सकता है.
लेकिन अंत में जिस कीमत पर दुकानदार वास्तव में साड़ी को बेचेगा, वह उसकी कीमत (Price) कहलाएगी.
वहीं, अगर आप बड़ी संख्या में साड़ियां खरीदते हैं, तो दुकान आपको ज्यादा माल लेने पर जो कीमत लगाएगा, उसे दर (Rate) कहेंगे.
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