समलैंगिकों की पहचान बने इंद्रधनुषी झंडे की क्या है कहानी?

17 Oct 2023

भारत में सेम सेक्स मैरिज को मान्यता भले ही ना मिली हो, लेकिन साल 2018 में SC की संविधान पीठ ने ही सेम सेक्स रिलेशनशिप को अपराध की श्रेणी से बाहर करने वाला फैसला दिया था.

जब समलैंगिक रिश्तों की बात होती है तो आप सभी के दिमाग में इंद्रधनुषी झंडे की छवि भी जरूर बनती होगी. 

ये इंद्रधनुषी झंडा समलैंगिक लोगों की पहचान बन चुका है. आइए जानते हैं इसे किसने किया था डिजाइन और क्या है इसकी कहानी. 

इंद्रधनुषी झंडे को साल 1978 में कलाकार गिल्बर्ट बेकर द्वारा बनाया गया था. बता दें, गिल्बर्ट खुले तौर पर समलैंगिक व्यक्ति और ड्रैग क्वीन थे.  Pic Credit: gilbertbaker.com

बेकर ने हार्वे मिल्क ने, (अमेरिका में पहले तौर पर समलैंगिक निर्वाचित अधिकारियों में से एक थे) के कहने पर समलैंगिक समुदाय के लिए इंद्रधनुषी झंडे को बनाया था. 

समलैंगिकता को लेकर प्रदर्शन करने वाले प्रदर्शनकारियों का मानना है कि इंद्रधनुष सा दिखने वाला यह झंडा उनके समलैंगिक गर्व की पहचान काे दर्शाता है.

इस झंडे में लाल, ऑरेंज, पीला, नीला,हरा और बैंगनी रंग शामिल है. जो देखने से इंद्रधनुष जैसा दिखता है.

गिल्बर्ट बेकर ने जो झंडा तैयार किया था उसमें शुरू में आठ पट्टियां हुआ करती थीं. इसमें गुलाबी रंग सेक्सुअलिटी को दर्शाता था. लाल रंग हीलिंग (उपचारात्मक), पीला रंग सूरज, हरा रंग प्रकृति के साथ शांति,  फ़िरोज़ा रंग कला, इंडिगो सद्भाव और  बैंगनी आत्मा को दर्शाता था. 

हालांकि, आने वाले सालों में इस झंडे के रंगों में बदलाव किया गया. झंडे में अब छह रंग हैं. इसमें गुलाबी पट्टी नहीं है, और फ़िरोज़ा और इंडिगो धारियों को रॉयल ब्लू रंग से बदल दिया गया है.