28 March, 2023 By: Aajtak.in

चूहों की वजह से हुई थी पेपर पर मार्जिन लाइंस की शुरुआत...

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स्कूल में जब हम नोटबुक पर लिखते थे तो मार्जिन लाइंस का बहुत ध्यान रखना पड़ता था. 

Pic Credit: urf7i/instagram

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हम ये सुनिश्चिन करते थे कि मार्जिन लाइन से कोई भी शब्द बाहर ना जाए. 

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तो क्या नोटबुक पर इसलिए ही मार्जिन लाइंस की शुरुआत हुई थी?

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अगर आपका जवाब हां है तो आप गलत हैं. दरअसल, इन मार्जिन लाइंस का हमारी लिखाई से कोई लेना-देना नहीं है. 

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मार्जिन लाइंस की शुरुआत का कनेक्शन तो बल्कि चूहों से है. आइए जानते हैं कैसे. 

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पुराने समय में एक समस्या जो बहुत आम थी, वो थी चूहों की समस्या. चूहे लगभग हर चीज कुतर देते थे.

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कई बार जरूरी कागजात भी चूहे कुतर देते थे, जिस कारण से लोगों को बहुत परेशानी होती थी. 

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इसी समस्या को दूर करने के लिए मार्जिन लाइंस बनना शुरू हुईं. ये मार्जिन लाइंस सभी जरूरी दस्तावेजों पर बनने लगीं. 

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चूहे सबसे पहले पेपर का किनारा ही कुतरना शुरू करते थे. मार्जिन होने की वजह से लोग कोने से लिखना नहीं शुरू करते थे. 

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ऐसे में जब चूहे पेपर के किनारे कुतर भी देते थे तब भी कागज पर लिखी कोई जरूरी सूचना या जानकारी को नुकसान नहीं पहुंचता था.

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