आज 'लौहपुरुष' सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि है. 15 दिसंबर 1950 को मुंबई में उनका निधन हुआ था, लेकिन उनकी शिक्षाएं आज भी युवाओं को सफलता की राह दिखाती हैं.
भले ही हम हजारों की संपत्ति खो दें, और हमारा जीवन बलिदान हो जाए, हमें मुस्कुराते रहना चाहिए और ईश्वर और सत्य में अपना विश्वास बनाए रखना चाहिए.
आपको अपना अपमान सहने की कला आनी चाहिए.
सामर्थ्य के बिना केवल विश्वास काफी नहीं है. जीवन में महानता पाने के लिए विश्वास और सामर्थ्य दोनों जरूरी हैं.
एकता के बगैर मैनपावर में कोई शक्ति नहीं है. संगठित होने पर ही मानवता एक आध्यात्मिक शक्ति बनती है.
आपकी चुप्पी आपकी तरक्की के रास्ते में बाधा है. इसलिए अपनी आंखों को गुस्से से लाल होने दें और अन्याय के खिलाफ मजबूती से खड़े हों.
हर नागरिक की यह जिम्मेदारी है कि वह महसूस करे की देश स्वतंत्र है और स्वतंत्रता की रक्षा करना उसका कर्तव्य है.
अधिकार मनुष्य को तब तक अंधा बनाए रखेंगे, जब तक मनुष्य उस अधिकार को प्राप्त करने हेतु मूल्य न चुका दे.