Snow और Ice दोनों ही ठंडे तापमान में पानी से बनती हैं लेकिन फिर दोनों में इतना अंतर क्यों हैं. स्नो और आइस दिखने में तो अलग हैं ही साथ ही छूने और महसूस करने में भी अलग हैं.
क्या आपने कभी सोचा है कि स्नो हमें आइस से कम ठंडी क्यों लगती है. आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण.
हम सभी जानते हैं कि पानी तीन अवस्था में पाया जाता है. सॉलिड (Solid), लिक्विड (Liquid) और भाप (Vapour).
जब लिक्विड वॉटर कम तापमान में फ्रीज होकर सॉलिड बना जाता है तो उसे बर्फ (ICE) कहते हैं. इस प्रोसेस को 'Freezing' कहा जाता है. आप फ्रिज में पानी रखकर जो बर्फ जमाते हैं उस प्रोसेस को ही फ्रीजिंग कहते हैं.
लेकिन पहाड़ों पर गिरने वाली बर्फ यानी कि Snow लिक्विड पानी से नहीं बल्कि वातावरण में पानी की भाप (Vapour) से बनती है.
वातावरण में भाप के रूप में जो पानी है वह तापमान कम होने पर सॉलिड का रूप ले लेता है, जिससे वह स्नो के रूप में नीचे गिरने लगता है.
Snow बनने के इस प्रोसेस को 'Sublimation' कहा जाता है. अगर आपने snow और ice को कभी छूकर देखा है तो महसूस होगा कि आइस, स्नो के मुकाबले ज्यादा ठंडी है.
आइए जानते हैं कि Ice और Snow दोनों ही पानी या पानी की भाप से बनती हैं तो यह कम या ज्यादा ठंडी क्यों लगती है?
दरअसल, Snow अलग-अलग बर्फ के क्रिस्टल से बनी होती है, जिसका सतह क्षेत्र अधिक होता है, इस वजह से यह गर्माहट को बहुत जल्दी अपने अंदर ले लेती है.
वहीं, बर्फ के क्रिस्टल आपस में चिपके हुए होते हैं, इसलिए गर्माहट को इसके अंदर जाने में मुश्किल होती है. यही वजह हैं कि बर्फ Snow से ज्यादा ठंडी लगती है.