पैरा एसएफ (Para SF) के जवानों ने डोगरा रेजिमेंट की घातक टुकड़ी के साथ मिलकर पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की थी.
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इन्हें पैराशूट कमांडो भी कहते हैं. इस कमांडों फोर्स को 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय बनाया गया था.
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इनकी ट्रेनिंग 9 महीने की होती है. जिसमें 65 किलोग्राम वजन के साथ कई किलोमीटर की दौड़ भी शामिल होती है.
खतरनाक और जानलेवा ट्रेनिंग के बाद जो कैडेट पास होता है उसे मरून टोपी (Maroon Barrett) मिलती है.
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ये टोपी ही बताती है कि ये जवान पैरा एसएफ है. इनके यूनिफॉर्म में कैमोफ्लॉज की सुविधा होती है.
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ये 30 से 35 हजार की ऊंचाई से छलांग लगाने की भी प्रैक्टिस करते हैं. देश में पैरा एसएफ की कुल 9 बटालियन है.
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