हर साल 12 जनवरी को भारत के महापुरुष स्वामी विवेकानंद की जंयती को युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है. उनका जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था.
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उन्होंने रामकृष्ण मठ, रामकृष्ण मिशन और वेदांत सोसाइटी की नींव रखी थी. साथ ही उनके विचार आज भी सफलता की कुंजी माने जाते हैं. यहां पढ़ें-
'पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान. ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते है.'
'ज्ञान स्वयं में वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है.'
'उठो और जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तमु अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते.'
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'जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है.'
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'पवित्रता, धैर्य और उद्यम- ये तीनों गुण मैं एक साथ चाहता हूं.'
'लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा, लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहांत आज हो या युग में, तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न हो.'
'जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिए, नहीं तो लोगों का विश्वास उठ जाता है.'