02 Jan 2025
तालिबान में महिलाओं के साथ क्रूरता लगातार बढ़ती जा रही है. इस दौर में भी तालिबान में सरेआम कोड़े मारे जाने की परंपरा है.
Credit: AP
हाल ही में सामने आए डेटा के अनुसार, साल 2024 में 580 लोगों को कोड़े मारने की सजा दी गई है, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं.
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AMU की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान में 23 प्रांतों में 42 महिलाओं समेत 580 लोगों को ये सजा दी गई है और आखिर दो महीने में 93 केस सामने आए हैं.
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अब सवाल है कि आखिर तालिबान में किस तरह के क्राइम के लिए ऐसी सजा दी जा रही है, जो अन्य देशों में काफी आम है या गैरकानूनी भी नहीं है.
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रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान में घर से भागने, समलैंगिकता, अश्लीलता, चोरी, अप्राकृतिक संबंध जैसे कामों को अपराध माना जाता है.
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साथ ही ऐसा करने पर पकड़े जाने पर सरेआम मैदान में कोड़े मारे जाते हैं. हालांकि, मानवाधिकार की बात करने वाले लोग इसका विरोध करते हैं.
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अब आरोप है कि तालिबान में खेल के मैदानों को अखाड़ों में तब्दील कर दिया गया है, जहां लोगों को सरेआम कोड़े मारे जाते हैं.
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तालिबान के फरयाब, पक्तिया, खोस्त, हेलमंद, जौज़जान, उरुज़गान, फराह, ग़ज़नी, काबुल में कोड़े मारने की सजा ज्यादा दी गई है.
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