09 Aug 2024
बिहार के अवतार तुलसी ने 9 साल की उम्र में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी कर ली थी और 11 साल की उम्र में उन्हें पटना साइंस कॉलेज से बीएससी की डिग्री मिल गई थी.
इसके बाद 12 साल की उम्र में एमएससी पूरा किया और फिर बैंगलोर में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस में पीएचडी करने गए.
तुलसी के ज्ञान और दिमागी शक्ति की हर कोई तारीफ करता है. तुलसी के स्पेशल चाइल्ड होने पर हर किसी को गर्व होता है.
साल 2010 में, आईआईटी-मुंबई ने अवतार तुलसी को कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर पढ़ाने का ऑफर दिया, लेकिन भाग्य में तुलसी के लिए कुछ और ही था.
आईआईटी-मुंबई ने बीमारी के कारण लंबी छुट्टी लेने के बाद 2019 में उनकी सेवाएं समाप्त कर दी थीं.
BBC को इंटरव्यू देते हुए कहा कि "मैंने अपना सारा बचपन फ़िज़िक्स को दे दिया, इस उम्मीद में कि एक दिन मैं कोई बड़ा आविष्कार करूंगा और नोबेल प्राइज़ जीतूंगा.
उन्होंने आगे कहा कि मैं देश का नाम रोशन करूंगा. अगर मैं कुछ नहीं कर पाया तो यह मेरे बचपन के साथ नाइंसाफ़ी होगी.
अपनी नौकरी वापस पाने के लिए अब वो क़ानून का सहारा लेना चाहते हैं. इसके लिए वो ख़ुद क़ानून की पढ़ाई कर रहे हैं.
उन्होंने इसके लिए एक तरीका ढूंढा है- 'वर्चुअल ट्रांसफ़र' का. इसी के आधार पर अब वो दिल्ली हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं.