05 Sep 2024
weareyuvaa को दिए हुए इंटरव्यू में नामी शिक्षक विकास दिव्यकीर्ति ने औरतों के ऊपर ऐसी बात कही है, जो हर तरफ वायरल हो रही है.
विकास दिव्यकीर्ति ने औरत की जिम्मदारियों और परेशानियों पर बहुत स्पेशल बात कही है, जिससे समझ आता है कि उनके मन में औरत के प्रति सम्मान और जागरुकता है.
विकास दिव्यकीर्ति के शिक्षकों को भी उनसे यही सीख लेनी चाहिए. आइए जानते हैं उन्होंने क्या है.
विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि देखिए इस दुनिया में औरत होना बहुत मुश्किल काम है. आदमी होने के बहुत सारे अवैध फायदे हैं.
मुझे हर महीने पांच दिन पीरिएड्स नहीं झेलने पड़ते. तो मेरी जिन्दगी का 16.6 टाइम बच गया.
बच्चा पैदा करने के लिए जो मेरी भूमिका है वो कुछ मिनट की है. मुझे नौ महीने बच्चा पेट में पालना नहीं पड़ता.
उसके बाद अगले कुछ साल तक उसे दूध नहीं पिलाना है. तो मेरी जिम्मेदारियां बहुत कम हैं.
बच्चा ठीक से नहीं पढ़ेगा, ठीक से नहीं बढ़ेगा को मुझे को दोष नहीं देने वाला है. दोष पूरा वाइफ का आएगा.
क्योंकि यह मान लिया गया है कि नरचरिंग करना उन्हीं का काम है. जैसे ही आपको अहसास होता है कि अरे यार सिर्फ एक Y क्रोमोसोम से बच गया में.
तो आपको इतना सेंसेटिव होना चाहिए कि जो नहीं बचा, आप उसके प्रति इम्पेथी दिखाएं.
समझें की उसको अगर पांच दिन परेशानी होती है तो वो केवल उसकी जिम्मेदार नहीं है वो पूरे समाज की जिम्मेदारी है.