18 Sep 2024
14 अप्रैल, 1912 को अटलांटिक महासागर में एक हिमखंड से टकराने के बाद टाइटैनिक जहाज़ डूब गया था. इस घटना में करीब 1,517 लोगों की मौत हो गई थी.
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टाइटैनिक का मलबा आज भी उत्तरी अटलांटिक महासागर में न्यूफ़ाउंडलैंड, कनाडा के तट से करीब 600 किलोमीटर दूर है.
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टाइटैनिक के मलबे को देखने के लिए पनडुब्बी से समुद्र में 3,800 मीटर नीचे जाना होता है. आप चाहे तो पैसे खर्च करके इसका मलबा देखने भी जा सकते हैं.
टाइटैनिक का मलबा दिखाने का काम ओशनगेट नाम की एक कंपनी करती है. इस कंपनी के पास एक छोटी पनडुब्बी या समरसेबल है, जो समुद्र की गहराइयों में उतरकर यात्रियों को टाइटैनिक का मलबा दिखाती है.
आपको इस जहाज का मलबा देखने के लिए समुद्र के अंदर जाना होगा, जिसमें करीबन 8 दिन का समय लगता है और अच्छे खासे पैसे भी खर्च करने होते हैं.
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टाइटैनिक का मलबा देखने में कुल आठ दिनों का वक्त लगता है. इसकी टिकट की कीमत ढाई लाख डॉलर यानी 2 करोड़ रुपये से भी अधिक है.
टाइटैनिक के मलबे को देखने के लिए आप अलग-अलग एडवेंचर टूर कंपनियों से संपर्क कर सकते हैं.
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ये कंपनियां खासतौर पर गहरे समुद्र में जाने वाली यात्राएं करवाती हैं. इसमें OceanGate Expeditions जैसी कंपनियों के नाम आते हैं.
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टाइटैनिक का मलबा समुद्र की सतह से 12,500 फीट की गहराई में है.एक अनुमान के मुताबिक, टाइटैनिक का मलबा दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा की ऊंचाई से भी साढ़े चार गुना ज्यादा गहराई में है.
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ओशनगेट कंपनी में निवेशक और 2021 में टाइटैनिक का मलबा देखने गए आरोन न्यूमैन ने TODAY से बात करते हुए कहा, जहाज आरामदायक था लेकिन इसका आकार पर्याप्त नहीं था.
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5-10 मिनट की यात्रा के बाद आप पूरी तरह से अंधेरे में होंगे. आपके पास पनडुब्बी की लाइटें हैं जिनसे आप बाहर और अंदर देख सकते हैं.
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पनडुब्बी की लाइटें के बिना आप 100 मीटर से ज्यादा नहीं देख सकते.
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