22 Jan 2025
महाराष्ट्र के जलगांव के परांडा रेलवे स्टेशन पर एक दर्दनाक हादसा हो गया है जिसमें 8 लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है.
बताया जा रहा है लखनऊ से मुंबई जा रही पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह फैलने के बाद कुछ यात्रियों ने आनफानन में ट्रेन से छलांग लगा दी और दूसरे ट्रेक पर आ रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आ गए.
इस हादसे के पीछे मुख्य कारण अफवाह और सही जानकारी का न होना बताई जा रही है. इसलिए लोगों को यह पता होना बहुत जरूरी है कि ट्रेन में आग लगने का पता चले तो क्या करना चाहिए और क्या नहीं.
सबसे पहले ट्रेन में आग लगने का पता चलने पर घबराए नहीं. इससे स्थिति और बिगड़ सकती है. शांत रहें, दूसरों को भी शांत रहने के लिए कहें और अफरातफरी न मचने दें.
पता लगाएं कि आग किस डिब्बे में लगी है और किस दिशा में फैल रही है. अगर संभव हो तो दूर वाले डिब्बे में चले जाएं. सबसे जरूरी पता करें कि यह कोई अफवाह तो नहीं.
ट्रेन रोकने के लिए इमरजेंसी चेन खींचें. यह ट्रेन को तुरंत रोकने का संकेत देगा. ट्रेन रुकने के बाद पास वाले स्टेशन की स्थिति जानने की कोशिश करें और वहां से सहायता लें.
अगर डिब्बे में धुआं फैल रहा है, तो अपनी नाक और मुंह को गीले कपड़े से ढक लें. जमीन के करीब रहें (धुआं ऊपर की ओर उठता है), और सतर्कता से ट्रेन से बाहर निकलने की कोशिश करें.
ट्रेन की खिड़कियों और दरवाजों पर लगे इमरजेंसी एक्जिट का यूज करें. अगर ट्रेन रुकी हुई है, तो खिड़की या दरवाजे से सुरक्षित तरीके से बाहर निकलें.
रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 या स्थानीय इमरजेंसी नंबर (जैसे 112) पर कॉल करें और स्थिति की सूचना दें. कमजोर, बुजुर्गों, और बच्चों की मदद करें. अन्य यात्रियों को भी मदद मांगने के लिए प्रोत्साहित करें.
अगर आप ट्रेन से बाहर निकल गए हैं, तो सुरक्षित दूरी पर रहें. अन्य यात्रियों को मदद करें और स्थिति की जानकारी रेलवे कर्मचारियों को दें. आग बुझाने या आपातकालीन सेवाओं के आने का इंतजार करें.
धूम्रपान न करें (ट्रेन में धूम्रपान प्रतिबंधित है), ज्वलनशील पदार्थों को ट्रेन में ले जाने से बचें. बिजली के उपकरणों का उपयोग सतर्कता से करें और आग लगने की स्थिति में इलेक्ट्रिक उपकरणों और पैनल से दूर रहें.