08 October 2024
Credit: Freepik
मैच्योर और जिम्मेदार व्यक्ति की पहचान समाज में हमेशा अलग से की गई है. जो इंसान समझदार होता है उसे लोग सम्मान की नजरों से देखते हैं. आज हम जानेंगे साइकोलॉजी के हिसाब से क्या हैं मैच्योरिटी के लक्षण.
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एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जो इंसान परेशानी को अपने ऊपर हावी नहीं होने देता, मुसीबत में हार मानने के बजाय पॉजिटिविटी के साथ समस्या का हल करता है. ऐसे शख्स को मैच्योर माना जा सकता है.
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मैच्योर इंसान अपनी गलतियों की जिम्मेदारी खुद लेते हैं.दूसरों के ऊपर अपनी गलती थोपने में विश्वास नहीं करते. जिम्मेदारी लेने से भले थोड़ा मन भारी हो, लेकिन इससे आत्मसम्मान बढ़ता है.
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साइकोलॉजी के हिसाब से मैच्योर इंसान हमेशा सीखने की भावना रखता है. रोज कुछ नया करने की चाह इनके मन में होती है, जिससे इन्हें जीवन में आगे बढ़ने में मदद मिलती है.
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दूसरों की परेशानी और भावनाओं को ये बखूबी समझते हैं. परेशानियों को अपना समझकर उसे सुलझाने भी लगते हैं, जिससे सामने वाले व्यक्ति को मेंटल सपोर्ट मिलता है. यह मैच्योरिटी का लक्षण है.
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मैच्योर इंसान सामने वाले की बात हमेशा ध्यान से सुनते और समझते हैं. जिसके बाद वह अपनी राय देते हैं. ये अपनी बातों को सरल और सटीक तरीके से साझा करने की कोशिश करते हैं.
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साइकोलॉजी की मानें तो मैच्योर व्यक्ति अपनी भावनाओं को आसानी से कंट्रोल कर लेते हैं, जब इन्हें गुस्सा आता है तब ये तुरंत रिएक्ट नहीं करते बल्कि सोच-समझकर अपना रिएक्शन देते हैं.
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