14 Nov 2024
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में UPPSC अभ्यर्थी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
उनकी मांग है कि एग्जाम को एक ही दिन, एक ही शिफ्ट में आयोजित कराया जाए ताकि मूल्यांकन के लिए नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया लागू ना हो.
ऐसे में आइए जानते हैं कि परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया आखिर है क्या?
जब एक से ज्यादा शिफ्ट में परीक्षा आयोजित होती है तो ऐसी स्थिति में परीक्षा कराने वाली संस्था की ओर से नॉर्मलाइजेशन कराकर सभी कैंडिडेट्स के मार्क्स को नॉर्मल किया जाता है.
चूंकि कई बार ऐसा होता है कि पहली शिफ्ट में क्वेश्चन पेपर सामान्य आ जाते हैं. ऐसे में पहली शिफ्ट की परीक्षा में बैठे छात्र ज्यादा सवाल हल करते हैं.
जबकि अगली शिफ्ट में कई बार कठिन पेपर आ जाते हैं. ऐसे में अभ्यर्थी ज्यादा सवाल नहीं कर पाते.
इसके साथ ही जितने शिफ्ट में परीक्षा आयोजित होती है उन सभी शिफ्ट के आधार पर नॉर्मलाइजेशन किया जाता है.
इसका मकसद होता है कि किसी बच्चे को नुकसान न हो, इसलिए नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया अपनाई जाती है. इसे कैंडिडे्टस डक वर्थ लुइस नियम की तरह बता रहे हैं.
पीसीएस से ज्यादा आरओ-एआरओ की परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन ज्यादा असर करेगा. जितने ज्यादा शिफ्ट होते हैं नॉर्मलाइजेशन का असर उतना ज्यादा होता है.