पिता बस ड्राइवर, साइबर कैफे चलाकर दी कोचिंग फीस, ऐसी है IAS मोइन की कहान

6 Oct 2024

(Pic Credit: FB @Ias Moin Ahamd Mansoori)

हजारों-लाखों युवा UPSC की सिविल सेवा परीक्षा पास करके अधिकारी बनने का सपना देखते हैं. यूपी के मोइन अहमद मंसूरी ने भी IAS बनने का सपना देखा और उसे पूरा कर दिखाया है.

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IAS बनने का जुनून ही था जिसकी वजह से मुरादाबाद के डिलारी के गांव जटपुरा के रहने वाले मोइन ने कभी हार नहीं मानी. तंगहाली थी लेकिन परिवार का मान बढ़ाने की ठान ली थी.

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मोइन के पिता बली हसन संविदा पर मुरादाबाद में रोजवेड बस के ड्राइवर हैं और मां तसलीम जहां गृहणी हैं. वे 5 भाई-बहनों में दूसरे नंबर के हैं.

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साल 2016 में उन्होंने गांव में किसी तरह एक साइबर कैफे खोला और अपनी पढ़ाई का खर्चा निकालना शुरू कर दिया. इसी कैफे से उन्होंने UPSC की कोचिंग की फीस के पैसे जोड़े थे.

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तीन साल साइबर कैफे चलाने के बाद साल 2019 में दिल्ली आ गए और UPSC की तैयारी शुरू कर दी.

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पहले 2019, फिर 2020 और 2021 में प्रीलिम्स भी क्वालीफाई नहीं हुआ, लेकिन साल 2022 में उन्होंने एक साथ प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू क्रैक कर 296वीं रैंक हासिल की.

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मोइन कहते हैं उन्होंने चौथे अटेंप्ट से पहले अपने तीन प्रयासों की कमियों को जाना. हर अटेंप्ट की जो कमी नजर आई उसे दूर किया.

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2019 में पांच छह महीने की तैयारी में पहला अटेंप्ट किया, बाद में लगा कि बहुत जल्दबाजी कर दी थी. 2020 में दूसरे अटेंप्ट में बहुत मॉक टेस्ट दिए, ओवर थ‍िकिंग बहुत ज्यादा हो गई थी.

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तीसरे में (2021 में) दूसरों की स्ट्रेटजी फॉलो की, सेलेक्ट‍िव होकर पढ़ाई करता रहा, तीन-चार सब्जेक्ट की जगह सभी सब्जेक्ट को महत्व दिया.

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मोइन ने बताया कि वह रोजाना 7 से 8 घंटे पढ़ाई करते थे. जब ज्यादा लगने लगता था तो सोशल मीडिया यूज कर लेते थे. पूरी जान लगाकर चौथा अटेंप्ट दिया और सफलता हासिल की.

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