7 Nov 2024
UPSC की सिविल सेवा परीक्षा क्लियर करने वाले उम्मीदवारों का संघर्ष और उनकी कामयाबी बाकी एस्पिरेंट्स को मोटिवेट करती हैं. ऐसी ही कहानी IAS रेना जमील की है.
रेना जमील साल 2019 में छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा में राहुल नाम के बच्चे के बोरवेल से बचाने वाली रेस्क्यू के दौरान चर्चा में आई थीं. वे रेस्क्यू टीम का हिस्सा थीं.
2019 बैच की आईएएस अधिकारी रेना जमील ने aajtak.in ने अपने बारे में कई बातें बताई, जो वाकई में प्रेरित करने वाली हैं.
रेना का जन्म 25 दिसंबर 1988 को झारखंड में धनबाद जिले के छाताबाद गांव में हुआ है. उनके पिता मोहम्मद जमील अंसारी टाटा स्टील कंपनी में मैकनिकल फिटर थे और मां नसीम आरा गृहणी हैं.
रेना बताती हैं कि मैंने आठवीं तक उर्दू मीडियम के स्कूल से पढ़ाई की. उसी स्कूल से मेरी मां नसीम आरा ने भी आठवीं तक पढ़ाई की थी. उसके बाद भी दसवीं तक सरकारी स्कूल से पढ़ी.
वो बताती हैं कि 10वीं-12वीं तक वो एक एवरेज स्टूडेंट थीं, दसवीं में 55% अंक और 12वीं में उनके 67% अंक आए थे. लेकिन जूलॉजी ऑनर्स से मास्टर्स में उन्होंने कॉलेज टॉप किया.
रेना ने 2014 में UPSC की तैयारी शुरू कर दी थी. फिर दूसरे अटेंप्ट में 2016 में 882वीं रैंक मिली. इसके बाद उनका इंडियन इंफॉर्मेशन सर्विस में चयन हो गया था और उन्होंने IIS सेवा को ज्वॉन कर लिया.
IAS बनने का सपना अभी भी अधूरा था, इसलिए उन्होंने 2017 में फिर से यूपीएससी की तैयारी की लेकिन प्रीलिम्स में ही फेल हो गईं. फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी.
2018 में फिर से कुछ दिन की छुट्टी लेकर UPSC की तैयारी की और सिविल सेवा परीक्षा दी. इस बार उनकी 380वीं रैंक और 2019 में वे IAS ऑफिसर बन गईं.
रेना कहती हैं कि मेरी मां मेरे लिए एक आदर्श हैं. हर चुनौतीपूर्ण समय में मैं उनका जज्बा याद करती हूं. राहुल के केस में भी मैंने 100 से ज्यादा घंटे बिना ब्रश किए और नहाए फील्ड पर बिताए. मेरी मां भी हमें परवरिश देने के लिए ऐसे ही कई रातों तक जागी हैं.
रेना ने आईएएस बनकर पूरे परिवार का मान और बढ़ाया है. उनके बड़े भाई आईआरएस अधिकारी हैं, वहीं छोटे भाई प्रसार भारती में इंजीनियर हैं.
(All Images Courtsey: Rena Jamil)