चाय बेची, दिहाड़ी मजदूरी की... बेहद गरीबी में काटा बचपन फिर IAS बन बदल ली अपनी किस्मत

18 Sep 2024

अगर मन में कुछ कर गुजरने की लगन हो तो आप किसी भी मुकाम तक पहुंच सकते हैं. IAS हिमांशु की सक्सेस की कहानी इन पंक्तियों को सच साबित करती है.

IAS हिमांशु गुप्ता की कहानी हर उस उम्मीदवार को प्रेरित करती है जो परेशानियों और कठनाइयों के बीच पढ़ाई छोड़ने का सोचते हैं. 

हिमांशु गुप्ता ने बचपन बेहद गरीबी में काटा, स्कूल जाने के लिए रोजाना 70 किमी का सफर किया. इतना ही नहीं पिता का हाथ बंटाने के लिए चाय की दुकान पर और मजदूरी काम भी किया.

उत्तराखंड के हिमांशु गुप्ता (UPSC Himanshu Gupta) ने अपनी कड़ी मेहनत से यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Civil Service Exam) पास की और आईएएस अफसर बने.

ऑफिशियल ह्यूमन ऑफ बॉम्बे पर छपी ये स्टोरी हर कैंडिडेट को प्रोतसाहित करती है. UPSC क्लियर कर IAS बनने वाले हिमांशु गुप्ता के पैरेंट्स स्कूल ड्रॉपआउट हैं.

Credit: Instagram

पिता दिहाड़ी मजदूरी करते थे. कमाने के लिए वो चाय का ठेला भी लगाते थे लेकिन उन्होंने हमेशा बेटे का कहा कि पढ़ाई सबसे पहले है.

हिमांशु गुप्ता ने साल 2018 में पहली बार UPSC Exam क्लियर किया, तब उनका चयन भारतीय रेलवे यातायात सेवा (IRTS) के लिए हुआ.

उन्होंने 2019 में फिर से परीक्षा दी और दूसरे प्रयास में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के लिए चयन हुआ. और फिर 2020 में अपने तीसरे प्रयास में वे भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में सेलेक्ट हो गए.

'Humans of Bombay' फ़ेसबुक पेज पर हिमांशु गुप्ता अपनी कहानी बताते हुए कहते हैं- 'मैं स्कूल जाने से पहले और बाद में पिता के साथ काम करता था.  

लेकिन एक बार किसी ने मुझे देख लिया और मजाक उड़ाना शुरू कर दिया. मुझे 'चायवाला' कहा जाने लगा.

लेकिन उस ओर ध्यान देने के बजाय पढ़ाई पर ध्यान लगाया और जब भी समय मिला पापा की मदद की और फिर अपना सपना साकार कर लिया. 

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