03 Oct 2024
वो कहते हैं न कि मुश्किल नहीं है कुछ भी अगर ठान लीजिए, IFS अमित गेमावत की यूपीएससी जर्नी भी इसी जज्बे की कहानी है.
2020 बैच के भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारी अमित गेमावत की प्रेरणादायक कहानी यूपीएससी के उन तमाम एस्पिरेंट्स के लिए नजीर है जो एक या दो अटेंप्ट के बाद ही हार मान लेते हैं.
अमित ने यूपीएससी की अपनी जर्नी में 6 अटेंप्ट दिए. इसके लिए वो कई बार प्रीलिम्स एग्जाम में सफल हुए. पांच बार मेंस क्लियर करके इंटरव्यू दिया. लेकिन कभी भी हार के सामने हौसले को झुकने नहीं दिया.
उनके इसी जज्बे से प्रेरित होकर उनके अपने छोटे भाई शिशिर ने भी यूपीएससी क्लियर किया और वो IAS सर्विस के लिए चयनित हुए.
एक वेबसाइट के साथ बातचीत में अमित गेमावत ने अपनी जर्नी साझा करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने इस पूरे सफर में हौसले से काम करते हुए सफलता हासिल की.
राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले अमित के पिता क्रिमिनल लायर थे. पिता को अफसरों से बातचीत में ही उन्हें प्रेरणा मिली थी.
जोधपुर में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद अमित ने 2011 में एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में बी.टेक की डिग्री हासिल की. सिविल सेवा में अमित की यात्रा 2013 में शुरू हुई.
उन्होंने अपने ही इंजीनियरिंग कॉलेज जहां से पढ़ाई की थी, वहीं गेस्ट टीचर के तौर पर भी काम किया.
फिर साल 2014 से उन्होंने यूपीएससी की तैयारी का सफर शुरू कर दिया. 2014 में अपने पहले प्रयास में वो प्रीलिम्स में सफल हुए लेकिन मेंस रह गया.
लेकिन फिर उन्होंने अपनी गलतियों को समझा और इसके बाद एक के बाद एक पांच अटेंप्ट दिए. फिर सभी मेंस एग्जाम निकाले और पांच इंटरव्यू भी दिए.
छठे प्रयास में उन्होंने सफलता हासिल की. अमित ने बताया कि उन्होंने छह प्रयास पूरे किए, प्रीलिम्स सभी में निकाल दिया. फिर मेंस के पांच बार एग्जाम पास किए.
मेंस के पांच बार एग्जाम पास किए. फिर इनमें से चार साक्षात्कार UPSC CSE के लिए दिए और एक IFS के लिए था, जिसे उन्होंने आखिरकार पास कर लिया. जिससे उन्हें अंतिम सूची में स्थान मिला.