हिंदू धर्म के ग्रंथ वेद और पुराण में वर्णित ज्ञान, आख्याएं, तथ्य, शिक्षा, नीतियां और घटनाएं आदि हर व्यक्ति के जीवन में खास महत्व रखते हैं.
ऐसे में अधिकतर लोग वेद और पुराण के अंतर को लेकर कन्फ्यूज रहते हैं.
हिंदू ग्रथों के अनुसार, सृष्टि को रचने वाले ब्रह्मा ने पुराण लिखे हैं. आइए जानते हैं वेद और पुराण में अंतर क्या है?
कहा जाता है ब्रह्मा ने वेदों से पहले ही पुराणों की रचना कर दी थी. पुराण वेदों का ही विस्तृत और सरल स्वरूप हैं.
वेदों में जिस ज्ञान का संक्षिप्त रूप में वर्णन है, पुराणों में उसका विस्तृत उल्लेख किया गया है.
ब्रह्मा ने शुरुआत में केवल एक ही पुराण की रचना की थी. इसमें एक अरब (सौ करोड़) श्लोक वर्णित हैं.
लेकिन समय बदलने पर लोगों के कल्याण के लिए ऋषि मुनियों ने इस पुराण के खंड़ो को विभाजित कर इसे सरल ढंग से लिखा था.
पुराणों को आसान और सरल भाषा में लिखते वक्त ऋषि-मुनियों ने इन पुराणों में श्लोकों की संख्या केवल चार लाख तक सीमित कर दी थी.
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वेद ऋषियों द्वारा बनाए गए मंत्रों का संग्रह वेदों में वर्णित है. यह बहुत विशाल है.
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