गांव के प्रधान, मुखिया और सरपंच में क्या है अंतर? करते हैं ये काम

17 Sep 2024

पंचायती राज गांव में होता है. गांव में लगभग 500 की पॉपुलेशन वाली जगह को एक वार्ड बनाया जाता है और फिर हर एक वार्ड से एक ग्राम पंचायत सदस्य चुना जाता है.

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ये सभी ग्राम पंचायत सदस्य मिलकर एक ग्राम सभा बनाते हैं.

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ये सदस्य गांव के लोगों की जरूरतों और परेशानियों को सामने रखते हैं और लोकल डेवलपमेंट के लिए कई तरह के प्लान बनाते हैं.

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पंचायती राज सिस्टम में लोकल एडमिनिस्ट्रेशन को सही ढंग से चलाने के लिए कई पद होते हैं.

ऐसे ही कुछ पदों में मुखिया, प्रधान और सरपंच के पद शामिल हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में.

आम भाषा में, मुखिया का मतलब सबसे बड़ा व्यक्ति होता है, जिसका काम किसी गांव या पंचायत को संभालना होता है.

मुखिया ग्राम सभा और ग्राम पंचायत की मीटिंग आयोजित करता है और उनकी अध्यक्षता करता है.

एक पंचायत में सबसे ऊंचा पद प्रधान का होता है. हर ग्राम पंचायत को एक इलेक्टेड व्यक्ति चलाता है, जिसे हम ग्राम प्रधान कहते हैं.

ग्राम प्रधान को गांव के लोग चुनते हैं उनका कार्यकाल 5 वर्ष का होता है.

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प्रधान का कार्य पंचायत के सभी विकास कार्यों को सुनिश्चित करना, बजट तैयार करना, और पंचायती राज के नियमों के अनुसार कार्य करना होता है.

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सरपंच पंचायत के सदस्यों में से एक होता है और प्रधान के सहायक के रूप में कार्य करता है.

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सरपंच का कार्य पंचायत के विकास के क्षेत्र में नेतृत्व करना, निर्णय लेना और प्रधान को समर्थन प्रदान करना होता है.

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