03 Jan 2025
हाल ही में जैसलमेर के धोरों यानी रेगिस्तान में एक जलधारा निकली, जिससे लंबे वक्त तक पानी निकलता रहा. अब इस पानी को लेकर कई तरह की रिपोर्ट्स सामने आ रही है.
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कई लोग इसे सरस्वती नदी से जोड़ रहे हैं तो कोई लोग कह रहे हैं कि आर्टिसियन कुएं की वजह से है. साथ ही कई लोग इसका कनेक्शन पुराने वक्त में यहां समुद्र होने से जोड़ रहे हैं.
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जी हां, ये कई रिसर्च में सामने आ चुका है कि जिस जैसलमेर को आज आप रेगिस्तान की वजह से जानते हैं, वहां एक वक्त समुद्र हुआ करता था.
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कुछ साल पहले ही जैसलमेर में वैज्ञानिकों ने लगभग 4.7 करोड़ वर्ष पुराने जीवाश्म की खोज की थी.इसमें आदिकालीन व्हेल, शार्क के दांत, मगरमच्छ के दांत और कछुए की हड्डियों जैसे दुर्लभ जीवाश्म शामिल थे.
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इससे ये पता चला था कि एक वक्त पहले यहां समुद्री जीवन था और यहां समुद्र था. वैज्ञानिकों के अनुसार, यहां कई करोड़ साल पहले समुद्र रहा होगा.
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वैज्ञानिकों ने माना है कि जीवाश्मों की उपस्थिति से संकेत मिलता है कि लगभग 4.7 करोड़ वर्ष पहले जैसलमेर क्षेत्र में एक समुद्र की उपस्थिति रही होगी.
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इसके अलावा पहले भी शोध के दौरान यहां 18 करोड़ साल पुरानी आकल लकड़ियों के भी जीवाश्म मिले थे. कहा जाता है कि यहां पहले टेथिज सागर होता था और बाड़मेर, जैसलमेर की जगह समुद्र हुआ करता था.
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हालांकि अभी तक ये पानी किस वजह से निकला है और कौनसा पानी है, इसे लेकर कोई आधिकारिक रिपोर्ट सामने नहीं आई है.
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