काक चेष्टा का अर्थ है कि विद्यार्थी को हमेशा किसी कौवे के तरह चौकन्ना रहना चाहिए और आलस्य का त्याग करना चाहिए.
वको ध्यानं का अर्थ है कि विद्यार्थी को अपने लक्ष्य पर उसी तरह ध्यान केंद्रित रखना चाहिए जैसे बगुला पानी में एक पैर पर खड़े होकर मछलियों पर घात लगाता है.
श्वान निद्रा से आशय है कि विद्यार्थी को आलस्य में पड़कर गहरी नींद में नहीं सोना चाहिए. विद्यार्थी की नींद किसी श्वान यानी कुत्ते जैसी कच्ची होनी चाहिए.
विद्यार्थी को अल्पाहारी होना चाहिए. यानी कि वह इतना ज्यादा न खाए कि आलस्य उसे घेर ले.
विद्यार्थी को अपने घर, परिवार या माता-पिता से मोह नहीं रखना चाहिए. विद्या पाने के लिए उसे गृह त्यागने के लिए भी तैयार रहना चाहिए.