संस्‍कृत के इस श्‍लोक में छिपा है स्‍टूडेंट्स के लिए कामयाबी का राज

By Aajtak Education

21 April 2023

स्‍टूडेंट या विद्यार्थी वो होता है जो कुछ सीखने की प्रक्रिया में है, और कुछ भी सीखने के लिए मन-मस्तिष्‍क का संतुलन बेहद जरूरी है.

एक विद्यार्थी के अंदर क्‍या गुण होने चाहिए, वह इस संस्‍कृत श्‍लोक में बताया गया है.

काक चेष्‍टा, वको ध्‍यानं। श्‍वान निद्रा तथैव च।। अल्‍पाहारी गृहत्‍यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणम्।।

काक चेष्‍टा का अर्थ है कि विद्यार्थी को हमेशा किसी कौवे के तरह चौकन्‍ना रहना चाहिए और आलस्‍य का त्‍याग करना चाहिए.

वको ध्‍यानं का अर्थ है कि विद्यार्थी को अपने लक्ष्‍य पर उसी तरह ध्‍यान केंद्रित रखना चाहिए जैसे बगुला पानी में एक पैर पर खड़े होकर मछलियों पर घात लगाता है.

श्‍वान निद्रा से आशय है कि विद्यार्थी को आलस्‍य में पड़कर गहरी नींद में नहीं सोना चाहिए. विद्यार्थी की नींद किसी श्‍वान यानी कुत्‍ते जैसी कच्‍ची होनी चाहिए.

विद्यार्थी को अल्‍पाहारी होना चाहिए. यानी कि वह इतना ज्‍यादा न खाए कि आलस्‍य उसे घेर ले.

विद्यार्थी को अपने घर, परिवार या माता-पिता से मोह नहीं रखना चाहिए. विद्या पाने के लिए उसे गृह त्‍यागने के लिए भी तैयार रहना चाहिए.