By: Aajtak Education
अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार, 18 साल से कम उम्र के शख्स को बच्चा माना जाता है. इसे दुनिया भर में मंजूरी मिल चुकी है. आइए जानते हैं भारत में बच्चों के लिए पांच सबसे महत्वपूर्ण अधिकार कौन से हैं-
68वें संविधान संशोधन अधिनियम 2002 के द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21-ए को मौलिक अधिकार में शामिल किया गया है. इसके तहत 6 से 14 वर्ष के बच्चों को मुफ्त शिक्षा का अधिकार है.
बाल यौन उत्पीड़न अधिनियम 2012 या POCSO Act का मुख्य उद्देश्य 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को विभिन्न यौन संबंधी अपराधों से बचना है, तुरंत फैसले के लिए विशेष अदालत का गठन करना है, ताकि यौन अपराधियों को सख्त सजा मिल सके.
भारत में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से काम देना गैर-कानूनी माना गया है. हालांकि, 'बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986' पर बहुत वाद-विवाद है और अपवाद भी हैं.
जैसे परिवारिक व्यवायों में बच्चे स्कूल से वापस आकर या छुट्टियों में काम कर सकते हैं. इसी तरह फिल्मों-टीवी सीरियल्स और खेल से जुड़ी गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति है.
यूनिसेफ द्वारा शादी के लिए लड़कियों की उम्र 18 वर्ष और लड़कों की उम्र 21 वर्ष होनी चाहिए. भारत में बाल विवाह निषेध अधिनियम-2006 को 01 नवंबर 2007 में लागू किया गया था.
बाल संरक्षण अधिनियम 2012 को 14 नवंबर 2012 को लागू किया गया था. यह बच्चों को यौन अपराधों, यौन शोषण और किसी भी व्यक्ति को किसी भी देश के अंदर या बाहर शोषण के मकसद से लाना-ले जाना, आश्रय देना बाल तस्करी के अपराध के अंतर्गत माना जाता है.