कहते हैं प्यार में नींद-चैन सब उड़ जाता है.. यहां तक कि न भूख का एहसास होता है न प्यास का.
हर पल अपने महबूब के ख्यालों में गुजरता है. प्यार में पड़ने वाले लगभग हर शख्स के साथ ऐसा होता है. लेकिन ऐसा क्यों होता है? आइये जानते हैं..
दरअसल,प्यार का असर दिमाग पर पड़ता है और दिमाग में कुछ बदलाव होते हैं, जिससे नींद-चैन, भूख-प्यास सब उड़ जाती है.
जब कोई प्यार में पड़ता है तो दिमाग डोपामाइन, ऑक्सिटोसिन, एड्रनलिन और सेरोटोनिन जैसे कई हार्मोन रिलीज करता है.
डोपामाइन हार्मोन हमें खुश रखता है, इसी हॉर्मोन के चलते भूख कम लगना, नींद कम आना, काम में खूब मन लगना और हर वक्त चेहरे पर एक मुस्कान रहती है.
प्यार की शुरुआत में दिल की धड़कन बढ़ जाती है, सेनसेशन होती है और हम खुश रहने लगते हैं, ये सब एड्रनलिन की वजह से ही होता है.
वहीं, किसी के प्यार से छूने पर ऑक्सिटोसिन हार्मोन रिलीज होता है. इसे ‘कडल हॉर्मोन’ भी कहते हैं. यह हॉर्मोन एक कपल के बीच के प्यार को और बढ़ाता है.
सेरोटोनिन हॉर्मोन अपने पार्टनर की यादों में खोए रहने के लिए जिम्मेदार है. ऐसा देखा गया है कि स्त्रियों में पुरुषों की तुलना में ज्यादा सेरोटोनिन होता है, इसीलिए स्त्रियां अपने पार्टनर की यादों में ज्यादा बेचैन रहती हैं.