07 Feb 2025
अक्सर लोगों को फांसी से जुड़े कई तरह के सवाल रहते हैं कि आखिर जब किसी को फांसी दी जाती है, तो उस वक्त क्या-क्या होता है?
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इस बारे में तिहाड़ के एक्स लीगल एडवाइजर सुनील गुप्ता ने क्राइम तक को दिए इंटरव्यू में बताया कि फांसी कैसे दी जाती है.
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उन्होंने रंगा बिल्ला, मोहम्मद मकबूल भट्ट, करतार सिंह, उजागर सिंह, सतवंत सिंह, केहर सिंह और अफजल गुरु की फांसी देखी थी.
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उन्होंने बताया कि जहां फांसी दी जाती है, वहां ज्यादा लोगों के जाने की परमिशन नहीं होती है. उस हॉल में कुछ ही लोग होते हैं, जिसमें जेल सुपरिटेंडेंट आदि शामिल हैं.
सुनील गुप्ता ने ये भी बताया कि लीगल के पर्सन होने की वजह से उन्हें फांसी हॉल में रहने का मौका मिला था.
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फांसी से पहले रस्सी को चेक किया जाता है. इसके लिए कैदी से दोगुने वजन को बोरे में बांधकर रस्सी से लटकाया जाता है.
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बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, सुपरिटेंडेंट, मजिस्ट्रेट को कैदी की जानकारी देते हैं और कैदी को फांसी के फंदे के ठीक नीचे खड़ा किया जाता है.
इसके बाद कैदी के पैर बांध दिए जाते हैं और ऑर्डर मिलने पर जल्लाद फांसी दे देता है. इसके बाद मेडिकल टीम उसे मृत घोषित कर देती है. इसके बाद परिवार को बॉडी दे दी जाती है.