क्या है अटल टिंकरिंग लैब? जो 50,000 सरकारी स्कूलों में होगी

1 Feb 2025

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में आगामी पांच सालों में सरकारी स्कूलों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब स्थापित करने की घोषणा की है.

अटल टिंकरिंग लैब (ATL) भारत सरकार की एक पहल है, जिसे अटल इनोवेशन मिशन (AIM) के तहत शुरू किया गया है.

इसका उद्देश्य स्कूली बच्चों में साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स (STEM) के प्रति रुचि जगाना और उनमें इनोवेशन की भावना विकसित करना है.

साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), रोबोटिक्स, 3D प्रिंटिंग, और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसे हाईटेक टेक्नोलॉजी स्किल सिखाना है.

3D प्रिंटर: जिससे छात्र थ्री-डायमेंशनल मॉडल बना सकते हैं.

अटल टिंकरिंग लैब में क्या-क्या होता है?

इलेक्ट्रॉनिक किट्स: जैसे सर्किट बोर्ड, सेंसर, माइक्रोकंट्रोलर (Arduino, Raspberry Pi) आदि.

रोबोटिक्स डिवाइस: जिससे छात्र रोबोट बनाना और प्रोग्रामिंग करना सीखते हैं.

साइंटिफिक टूल्स: वैज्ञानिक प्रयोग और नवाचार के लिए मॉडल और प्रोजेक्ट किट्स.

बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित होती है. प्रैक्टिकल (व्यावहारिक) ज्ञान मिलता है, न कि केवल किताबों का.

अटल टिंकरिंग लैब के फायदे

बच्चे अपनी कल्पना के अनुसार कुछ नया बनाने के लिए प्रेरित होते हैं. टीमवर्क और लीडरशिप जैसे कौशल विकसित होते हैं.

सरकार की वेबसाइट aim.gov.in के मुताबिक, फिलहाल देश के 722 जिलों में 10 हजार ATL लैब हैं, जहां 6200 से ज्यादा मेंटर 1.1 करोड़ से ज्यादा स्टूडेंट्स को शिक्षित कर रहे हैं.

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