By: Aajtak Education
मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट जिससे ज्यादातर लोगों को डर लगता है. मैथ्स जुड़े डर या फोबिया को हम मैथ्स फोबिया कह देते हैं. मैथ्स की प्रॉब्लम को देखता है तो उसे एंग्जायटी होने लगती है.
कई बार लाख बार समझने के बाद भी आप उस फार्मूला या ट्रिक को याद नहीं रख पाते हैं. कई बार बच्चे पेपर देखते ही सब भूल जाते हैं. इसका सीधा असर रिजल्ट पर पड़ता है. इसके कई कारण हो सकते हैं-
कम उम्र में मैथ्स के सवाल पढ़ते या हल करते हुए खोया हुआ सा महसूस करना. ये मैथ्स फोबिया को बढ़ाने का काम कर सकता है.
अक्सर बच्चों के दिमाग में बचपन से ही भर दिया जाता है कि “मैथ्स मुश्किल है”. ऐस में यह सब्जेक्ट और भी कठिन लगने लग जाता है और डर लगने लगता है.
खराब टीचिंग और गाइडेंस भी मैथ्स फोबिया बढ़ाने का काम करते हैं. जब मैथ्स के कांसेप्ट समझने के लिए खुद पर ही डिपेंड रहते हैं तो मन में एक डर बैठ जाता है.
मैथ्स के सवालों को हल करते समय छोटी सी भी गलती की कोई जगह नहीं है. अगर एक्यूरेसी लेवल डामाडोल है तो मैथ्स के फोबिया और भी बढ़ सकता है. आइए जानते हैं इससे छुटकारा पाने के तरीके-
छात्र अपने इस मैथ्स फोबिया को स्वीकार करें. शिक्षकों और माता-पिता की मदद लें. इससे आपका मैथ्स का फोबिया दूर हो सकता है.
फोबिया पर काबू पाने का सबसे अच्छा तरीका एक्सरसाइज है. अपने दिमाग को शांत रखना सीखें और सांस से जुड़ी एक्सरसाइज करें.
गणित सीखने के लिए सफलता का मूल मंत्र प्रैक्टिस है. गणित के डर को दूर करने के लिए यह आपके समय का सबसे अच्छा उपयोग है.
कभी भी प्रश्न पूछने से न डरें. सवाल पूछना कमजोरी की निशानी नहीं है. यह सुधार का एक अनूठा तरीका है. जब भी कोई शंका या डाउट होता है तो मेंटर के पास जाएं और अपने क्लास टीचर, ट्यूटर और माता-पिता से प्रश्न पूछें.