Monsoon कैसे आता है? IMD कब करता है मॉनसून का ऐलान, समझ लीजिए

28 June 2024

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देश के अधिकतर हिस्सों तक मॉनसून पहुंच चुका है. आज, 28 जून को दिल्ली में भी मॉनसून की एंट्री हो गई है.आइए आसान भाषा में जानते हैं कि मॉनसून कैसे आता है.

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मॉनसून एक मौसमी हवा होती है, जो बारिश का कारण बनती है. अरब सागर की ओर से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आने वाली हवाओं को मॉनसून कहते हैं. 

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जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में भारी बारिश कराती हैं. ये ऐसी मौसमी हवाएं होती हैं, जो दक्षिणी एशिया क्षेत्र में जून से सितंबर तक यानी चार महीने तक सक्रिय रहती हैं.

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मॉनसून शब्द का प्रयोग मौसमी रूप से बदलते पैटर्न से होने वाली बारिश के चरण को समझने लिए किया जाता है.

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इस शब्द का इस्तेमाल पहली बार ब्रिटिश भारत और पड़ोसी देशों में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से बहने वाली बड़ी मौसमी हवाओं को समझने के लिए किया गया था. ये हवाएं क्षेत्र में भारी बारिश लाती हैं.

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भारतीय मौसम विभाग द्वारा देश में मॉनसून आने की घोषणा तब की जाती है जब केरल, लक्षद्वीप और कर्नाटक में मॉनूसन की शुरुआत की घोषणा करने वाले 8 स्टेशनों में लगातार दो दिनों तक कम से कम 2.5 मिमी बारिश हो.

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भारत में सामान्य मॉनसून आमतौर पर 1 से 4 जून के बीच केरल में दस्तक देता है. इससे पहले या बाद में मॉनसून आने को मॉनसून का पूर्व आगमन या मॉनसून में देरी कहा जाता है.

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हालांकि, भारत में मॉनसून की एंट्री दो बार होती है. पहला मॉनसून जून और जुलाई के महीने में एंट्री ले लेता है, इसे समर मॉनसून कहते हैं. यह मॉनसून भारत के दक्षिण-पश्चिम इलाकों को ज्यादा प्रभावित करता है.

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वहीं, भारत में दूसरा मॉनसून सितंबर-अक्टूबर महीने में होता है, जिसे विंटर मानसून का नाम दिया गया है. इसमें ओडिशा, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्य प्रभावित होते हैं.