क्या है वेतन आयोग? जो तय करता है सरकारी नौकरी की सैलरी

16 Jan 2025

केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को मंजूरी दे दी है. इससे एक बार फिर मोदी सरकार में सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ सकती है.

7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 तक है. इसलिए 8वां वेतन आयोग 2026 से लागू हो सकता है. इस बीच यह समझना भी जरूरी है कि वेतन आयोग क्या होता है और कैसे काम करता है.

वेतन आयोग (Pay Commission) भारत सरकार द्वारा स्थापित एक निकाय है, जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की सैलरी, भत्ते और अन्य लाभों की सिफारिशें करता है.

क्या होता है वेतन आयोग?

यह आयोग भारत में सरकारी नौकरी की सैलरी, पेंशन और भत्तों की संरचना को निर्धारित करने और उनमें समय-समय पर सुधार करने के लिए जिम्मेदार होता है.

सरकारी कर्मचारियों के वेतन को महंगाई और जीवनयापन की लागत के हिसाब से सुधार करना, समानता सुनिश्चित करना, भत्तों और पेंशन में संशोधन और कार्यकुशलता को बढ़ावा देना.

वेतन आयोग का उद्देश्य

वेतन आयोग हर 10 साल में सरकार द्वारा स्थापित किया जाता है. जिसे सरकारी कर्मचारियों के वेतन, महंगाई दर और अन्य लाभों का विश्लेषण करना होता है.

कैसे काम करता है वेतन आयोग?

वेतन आयोग, रिपोर्ट बनाकर सरकार को नई सैलरी संरचना और भत्तों की सिफारिशें प्रस्तुत करता है. सिफारिशों की समीक्षा के बाद सरकार इन्हें लागू करती है, जिससे कर्मचारियों का वेतन और भत्ते संशोधित होते हैं.

भारत में अब तक 7 वेतन आयोग स्थापित हो चुके हैं- पहला वेतन आयोग 1946 में, दूसरा 1957 में, तीसरा 1973 में, चौथा 1986 में, पांचवां 1997 में, छठा 2006 में और सातवां 2016 में.

अब तक के वेतन आयोग

सरकारी कर्मचारियों की सैलरी पे मैट्रिक्स पर आधारित होती है, जिसे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार तैयार किया जाता है. इसमें मूल वेतन (Basic Pay), महंगाई भत्ता (DA), हाउस रेंट अलाउंस (HRA) और यात्रा भत्ता (TA), मेडिकल भत्ता और विशेष भत्ते शामिल होते हैं.

कैसे तय होती है सैलरी?