By: Aajtak Education
इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (IAS) और इंडियन पुलिस सर्विस (IPS) बनने के लिए कैंडिडटे्स को यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम पास करना होता है.
ज्यादा रैंक वाले उम्मीदवारों को IAS पद मिलता है. IAS पद दे दिए जाने के बाद अन्य टॉप रैंक वालों को IPS पद मिलता है.
IAS को सरकारी विभागों और मंत्रालयों की जिम्मेदारियां मिलती हैं जबकि IPS अधिकारी को पुलिस विभाग मिलता है.
IAS का कोई ड्रेस कोड नहीं होता. वह हमेशा फॉर्मल ड्रेस में रहते हैं, लेकिन एक IPS (इंडियन पुलिस सर्विस) हमेशा ड्यूटी के दौरान वर्दी पहनते हैं.
एक IAS के साथ एक या दो अंगरक्षक मिलेंगे. वहीं एक IPS के साथ पूरी पुलिस फोर्स चलती है.
जब IAS बनते हैं तो एक मेडल दिया जाता है. इसके विपरीत जब IPS बनते हैं को स्वॉर्ड ऑफ ऑनर अवॉर्ड से सम्मानित किया जाता है.
IAS और IPS की शुरू के 3 महीने की ट्रेनिंग लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में ही होती है. जिसे फाउंडेशन कोर्स भी कहते हैं.
फाउंडेशन कोर्स के बाद IPS प्रशिक्षुओं को सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (SVPNPA) हैदराबाद भेज दिया जाता है जहां 15 सप्ताह की पुलिस ट्रेनिंग होती है.
IAS अफसर और IPS की ट्रेनिंग में भी काफी अंतर होता है. IPS को चयन होने के बाद ज्यादा टफ ट्रेनिंग से गुजरना होता है. उनकी ट्रेनिंग में घुड़सवारी, परेड और हथियार चलाना शामिल होता है.
दोनों की ही सैलरी 7वें वेतन आयोग की सिफारिश के बाद दी जाती है. IAS की सैलरी 56,100 होती है, इसके अलावा हाउस रेंट अलाउंस (HRA) और ट्रैवल अलाउंस (TA) भी होता है.
वहीं DGP बनने के बाद IPS की सैलरी 56,100 से लेकर 2,25,000 प्रति माह तक हो सकती है.