वकालत का पेशा आजमाने वाले लोगों के लिए आपने कई तरह के नाम सुने होंगे
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कोई खुद को लॉयर कहता है तो कोई एडवोकेट. वहीं बैरिस्टर को भी भारत में काफी सम्मानजनक नजरिए से देखा जाता है.
भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी बैरिस्टर थे. लेकिन इनमें क्या फर्क होता है. आइये जानते हैं.
लॉयर, वह होता है जिसके पास लॉ (law) की डिग्री होती है, जो कानून के क्षेत्र में प्रशिक्षित होता है और कानूनी मामलों पर सलाह और सहायता प्रदान करता है. यानी जिसने LLB की डिग्री ले ली हो, वह लॉयर बन जाता है. उसके पास कोर्ट में केस को लड़ने की अनुमति नहीं होती है.
लेकिन जब कोई लॉयर Bar Council of India (BCI) की परीक्षा पास कर लेता है तो वह किसी भी कोर्ट में खड़े होने के लिए अधिकृत हो जाता है तब वह एडवोकेट बन जाता है. एडवोकेट वह होता है जिसको कोर्ट में किसी अन्य व्यक्ति की तरफ से प्रतिपादन करने का अधिकार प्राप्त हो.
अगर आपने अपनी कानूनी शिक्षा भारत के किसी संस्थान से पूरी की है, तो आप वकील बन जाते हैं, लेकिन अगर आपने इंग्लैंड में कानून की पढ़ाई की है, तो आप बैरिस्टर कहलाते हैं. भारत में बैरिस्टर को सम्मानजनक उपाधि माना जाता है.