मोरक्को में आए भूकंप से तीन हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई है. इस आपदा के पीछे अमेरिका के मिलिट्री प्रोग्राम HAARP पर शक जताया जा रहा है. आइए जानते हैं क्या HAARP?
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मोरक्को (Morocco Earthquake) में आए भूकंप का केंद्र एटलस पर्वत बताया गया लेकिन अब जो जानकारी सामने आई है वो हैरान करने वाली है.
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सवाल यह उठ रहा है कि भूंकप के पीछे वजह प्राकृतिक है या कृत्रिम. दरअसल अफ्रीकी देश मोरक्को में आए भूकंप के पीछे शक अमेरिका पर जताया जा रहा है क्योंकि भूकंप से ठीक पहले अजीबोगरीब रोशनी देखी गई थी.
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मोरक्को भूकंप से पहले दिखाई दी अजीबोगरीब रोशनी के चलते इस आपदा के पीछे अमेरिकी के सैन्य कार्यक्रम HAARP पर उंगलियां उठ रही हैं.
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HAARP का मतलब है 'हाई-फ्रीक्वेंसी एक्टिव ऑरोरल रिसर्च प्रोग्राम' यह अमेरिका की एक परियोजना है, ये अलास्का में एक वेधशाला में स्थित अमेरिकी प्रोजेक्ट है.
Photo Credit:haarp.gi.alaska.edu
इस प्रोजेक्ट में रेडियो ट्रांसमीटर की मदद से हमारे वायुमंडल के सबसे ऊंचे हिस्से आयनमंडल या जिसे थर्मोस्फीयर और आयनोस्फीयर कहा जाता है, में काम करने वाली भौतिक प्रक्रियाओं का मौलिक अध्ययन करना है.
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अमेरिकी वायुसेना, नौसेना और अलास्का विश्वविद्यालय की मदद से अलास्का के गाकोन में साल 1990 में इसकी शुरुआत की गई थी.
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अनुसंधान सुविधा का संचालन 11 अगस्त, 2015 को संयुक्त राज्य वायु सेना से अलास्का फेयरबैंक्स विश्वविद्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया था, जिससे HAARP को आयनोस्फेरिक फेनोलॉजी साइंस की खोज जारी रखने की अनुमति मिली.
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साल 2022 में इसके मौसम पर कई बड़े प्रोजेक्ट शुरू किए थे. हालांकि यह प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद पहले भी कुदरती आपदाओं को लेकर हार्प संदेह के घेरे में रहा है, लेकिन ये कभी नहीं कहा कि इसमें भूकंप ला सकने की क्षमता है.
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अब मोरक्कों में भूकंप से पहले दिखी अजीबोगरीब रोशनी के बाद कुछ लोगों का शक है कि कई देशों में आए भूकंप, सुनामी और लैंड स्लाइड के लिए भी इस रिसर्च संस्था हार्प का हाथ हो सकता है.
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