22 Dec 2024
पुराने जमाने में कोएले की मदद से ट्रेन का संचालन किया जाता था लेकिन अब सभी ट्रेनें बिजली की मदद से चलती हैं.
ट्रेन के संचालन के लिए ओवरहेड वायर या ट्रैक्शन वायर से बिजली सप्लाई की जाती है, जो हाई वोल्टेज पर काम करती है.
ट्रेन के ऊपर लगे तारों में आमतौर पर 25,000 वोल्ट (25 kV) तक का वोल्टेज होता है. इस हाई वोल्टेज का उद्देश्य ऊर्जा की ज्यादा दक्षता के साथ ट्रेन को चलाना है.
इसके अलावा, ट्रेन के मोटर में करंट 100 से 200 एंपियर तक हो सकता है, जो कम होता है क्योंकि हाई वोल्टेज के साथ करंट कम होता है.
वहीं, घरों में बिजली की सप्लाई 220 वोल्ट के वोल्टेज पर होती है. घर के तारों में करंट की मात्रा घरेलू उपकरणों पर निर्भर करती है, जो आमतौर पर 10 एंपियर से 50 एंपियर तक हो सकती है.
घरों में कम वोल्टेज और अधिक करंट की आवश्यकता होती है, ताकि घरेलू उपकरण सही से कार्य कर सकें.
इस तरह, ट्रेन और घर के तारों में वोल्टेज और करंट के उपयोग में अंतर होता है, जो उनकी कार्यप्रणाली और ऊर्जा की खपत के आधार पर तय किया जाता है.
Pictures Credit: Meta AI