08 Nov 2024
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) को अल्पसंख्यक का दर्जा मिलेगा या नहीं? शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की बेंच ने इसका फैसला तीन जजों की बेंच पर छोड़ा है.
साल 1967 के फैसले को पलटते हुए SC ने कहा कि अगर पता चलता है कि विश्वविद्यालय की स्थापना अल्पसंख्यक समुदाय ने की थी तो संस्थान अनुच्छेद 30 के तहत AMU अल्पसंख्यक दर्जे का दावा कर सकता है.
आइये जानते हैं एक अल्पसंख्यक संस्थानों के पास कौन से विशेष अधिकार होते हैं?
अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों को सरकार से विशेष मान्यता लेने की आवश्यकता नहीं है. ये संस्थान अपने स्वयं के नियम और विनियम बना सकते हैं.
इन संस्थानों को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए सीटें आरक्षित करने की आवश्यकता नहीं है, जैसा कि अन्य शिक्षण संस्थानों को करना पड़ता है.
ये संस्थान अपने समुदाय के छात्रों के लिए अधिकतम 50% सीटें आरक्षित कर सकते हैं.
अल्पसंख्यक संस्थानों को शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की नियुक्ति में अधिक स्वायत्तता होती है. वे कर्मचारियों की भर्ती में अपने समुदाय के सदस्यों को प्राथमिकता दे सकते हैं.
अल्पसंख्यक संस्थानों को स्थापित करने की प्रक्रिया सरल है. अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने के लिए "नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट" प्राप्त करने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता है.
अल्पसंख्यक संस्थानों को दिल्ली विश्वविद्यालय, पूर्वोत्तर पर्वतीय विश्वविद्यालय, असम विश्वविद्यालय, नागालैंड विश्वविद्यालय, और मिजोरम विश्वविद्यालय में से किसी एक से संबद्ध होने का अधिकार है.