05 Jan 2025
साल 2017 में लंदन में एक नीलामी में भारत का 100 रुपये का नोट 56,49,650 रुपये में बिका था.
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यह नोट रिर्जव बैंक ऑफ इंडिया ने 1950 के दशक में जारी किया था और इसका सीरियल नंबर HA 078400 था.
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दरअसल, यह कोई आम नोट नहीं था. यह भारत का वह नोट था जो कभी खाड़ी देशों में चलता था.
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी इस एडिशन के नोटों का इस्तेमाल हज यात्रा पर जाने वाले भारतीयों के लिए किया गया. इसे हज नोट के नाम से भी जाना जाता था.
इन नोटों के संस्करण को मुंबई से जारी किया जाता था और सीरियल नंबर में HA जोड़ दिया जाता था ताकि इसे देखकर पहचान की जा सके.
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RBI ने इन नोटों का जारी करने के पीछे वजह बताई थी कि हज यात्रा पर जाने वाले भारतीय पुराने नोटों का इस्तेमाल अवैध तरीके से सोना खरीदने में किया जा सकता है.
इस वजह से, बैंक ने हज यात्रियों के लिए 100 रुपये और 10 रुपये के दो नोट जारी किए थे. हालांकि इनका रंग भारतीय नोटों से अलग था. लेकिन ये भारत में लीगल नहीं थे.
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भारतीय रुपये को कई खाड़ी देशों में आधिकारिक करंसी के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था. इनमें संयुक्त अरब अमीरात, कतर, बहरीन, कुवैत, और ओमान जैसे देश शामिल हैं.
1961 में कुवैत ने अपनी करंसी शुरू की और इसके बाद खाड़ी के बाकी देशों ने भी अपनी-अपनी करेंसी शुरू कर दी. हज नोटों का चलन 1970 के दशक में बंद कर दिया गया.
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हज नोट अब प्रचलन में नहीं हैं, इसलिए वे करेंसी कलेक्टर्स के बीच अत्यंत दुर्लभ और कीमती माने जाते हैं. इनकी कीमत नोट की स्थिति और दुर्लभता पर निर्भर करती है.