24 Sep 2024
मजबूरी में इंसान सामान चुराता है और चोर बन जाता है लेकिन कई ऐसे लोग भी हैं जिनसे पास संसाधन की कमी नहीं होती लेकिन फिर भी वह चोरी करते हैं.
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कभी ऐसा हुआ है कि आपको किसी समान की जरूरत नहीं है फिर भी आपके मन में उसे चोरी करने का ख्याल आता है.
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दरअसल, यह एक मानसिक समस्या है, जिसे क्लेप्टोमेनिया कहा जाता है.
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इस मेंटल हेल्थ प्रोब्लम से पीड़ित व्यक्ति चीजों को चुराने का प्रयास करता है, भले ही उसे उन चीजों की आवश्यकता ना हो.
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मनोचिकित्सकों के अनुसार, यह एक दुर्लभ मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या है, जिसका इलाज किसी दवा द्वारा नहीं किया जा सकता है.
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क्लेप्टोमेनिया से पीड़ित लोगों द्वारा चुराई गई वस्तुओं का आमतौर पर बहुत कम मूल्य होता है और उन्हें आसानी से खरीदा जा सकता है.
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इस मनोरोग का शिकार व्यक्ति अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर पाता और अनावश्यक चीजों की चोरी करता है.
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ऐसे कई लोग होते हैं, जो अगर किसी होटल में ठहरते हैं तो वहां मौजूद छोटी-मोटी चीजें चुरा लाते हैं.
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दरअसल, ये लक्षण क्लेप्टोमेनिया के ही हैं. डॉक्टर्स के मुताबिक, क्लेप्टोमेनिया को कई लोग ऑब्सेसिव-कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD) से जोड़ते हैं, लेकिन दोनों में काफी अंतर होता है.
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क्लेप्टोमेनिया का इलाज किसी दवाई से नहीं किया जा सकता. इस मेंटल हेल्थ प्रोब्लम का उपचार करने के लिए मनोचिकित्सक मरीज के व्यवहार का मूल्यांकन करते हैं और उन्हें कुछ थेरेपी देते हैं, जो डिप्रेशन के दौरान दी जाती हैं.
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इसके अलावा डॉक्टर्स क्लेप्टोमेनिया से पीड़ित व्यक्ति को लत को रोकने वाली दवाईयां देते हैं ताकि उसके अंदर चोरी करने की इच्छा कम हो सके.
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