17 Jan 2025
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आपने कई बार गाड़ियों के मैकेनिक को टायर में आग लगाते हुए देखा होगा. लेकिन क्या कभी सोचा है ऐसा क्यों किया जाता है और इससे क्या होता है.
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दरअसल, गाड़ी के टायर को रिम पर सेट करने के लिए आग लगाने की प्रक्रिया एक तकनीक है जिसे "सीटिंग द बीड" (Seating the Bead) कहा जाता है.
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यह प्रक्रिया तब यूज की जाती है जब टायर को रिम पर सही तरीके से सेट करना मुश्किल हो रहा हो और सामान्य तरीके से हवा भरने पर वह रिम पर ठीक से फिट न हो रहा हो. आइए इसे डिटेल में समझते हैं.
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टायर के अंदर का हिस्सा, जिसे बीड (Bead) कहा जाता है, रिम की दीवार पर सही से फिट होना चाहिए. अगर टायर और रिम के बीच में गैप रह जाए, तो हवा भरने पर टायर ठीक से नहीं बैठता.
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टायर और रिम के बीच गैप को सील करने के लिए आग वाली प्रक्रिया यानी "सीटिंग द बीड" तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है.
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गैप के चारों ओर थोड़ा ईथर, स्टार्टिंग फ्लुइड, या ज्वलनशील स्प्रे (जैसे WD-40) छिड़का जाता है. इसके बाद माचिस या लाइटर का इस्तेमाल करके स्प्रे को जलाया जाता है.
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आग लगाने से गैस (आमतौर पर एरोसोल स्प्रे या ईथर) जलती है, जिससे अंदर का वायु दबाव (Pressure) अचानक बढ़ता है. दबाव के कारण टायर का बीड रिम पर मजबूती से सेट हो जाता है.
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आग लगाकर टायर को रिम पर सेट करना एक प्रभावी लेकिन खतरनाक प्रक्रिया है. इसे केवल तभी इस्तेमाल करना चाहिए जब अन्य साधारण तरीकों से टायर सेट न हो रहा हो.
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अगर सही तरीके और सावधानियों का पालन किया जाए, तो यह तकनीक जल्दी और प्रभावी ढंग से काम करती है.
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