By: Aajtak Education
कोटा में बेहतर करियर के सपने क्यों दम तोड़ रहे हैं. इस साल सितंबर तक 27 छात्र सुसाइड कर चुके हैं. राजस्थान सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए एक कमेटी का गठन किया था, जिसकी रिपोर्ट में छात्र आत्महत्या के 6 बड़े कारण सामने आए हैं.
1. प्रतियोगी परीक्षा में अत्यधिक प्रतिस्पर्धा और सफलता की सीमित संभावना, सिलेबस और टेस्ट पेपर ज्यादा कठिन होने की वजह से कोचिंग संस्थानों के छात्रों में उत्पन्न मानसिक दबाव एवं निराशा.
2. बच्चों की योग्यता, रूचि व क्षमता से अधिक उन पर पढ़ाई का बोझ एवं अभिभावकों की बड़ी उम्मीदें.
3. कम उम्र में व्यवहार में बदलाव, परिवार से दूर रहना, समुचित काउंसलिंग एवं समुचित शिकायत निवारण तंत्र का अभाव.
4. असेसमेंट टेस्ट्स का ज्यादा, उनका रिजल्ट सार्वजनिक करना, छात्रों पर टिप्पणी करना और परिणाम के आधार पर कोचिंग संस्थानों द्वारा बैच सेग्रिगेशन करना.
5. कोचिंग संस्थानों का बहुत बिजी शेड्यूल और बड़ा सिलेबस.
6. छुट्टियों का न होना, मोनोटोनस माहौल और सह-शैक्षणिक गतिविधियों का अभाव.